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इस अस्पताल में ऐसे होता है जान से खिलवाड़, मरीजों की रिपोर्ट में इस तरह की कारस्तानी

locationशाहडोलPublished: Jul 13, 2018 01:55:55 pm

Submitted by:

shivmangal singh

संभाग की सबसे बड़ी अस्पताल के हालात, अप्रशिक्षित कर रहे कई महत्वपूर्ण जांच

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इस अस्पताल में ऐसे होता है जान से खिलवाड़, मरीजों की रिपोर्ट में इस तरह की कारस्तानी

शहडोल। संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के हालात जानकर आप दंग रह जाएंगे। यहां किस तरह से मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जाता है, इसकी बानगी यहां की जांच रिपोर्टों में मिल जाएंगी। मरीजों की जांच रिपोर्टों में गंभीरता नहीं बरती जाती है, इसके चलते इलाज कराने में भी दिक्कत आ रही है। इन हालात से यहां के डॉक्टर परेशान हैं, कि आखिर इस समस्या से निपटा कैसे जाए।
पैथालाजी एक ही मरीज की एक ही मर्ज की अलग- अलग रिपोर्ट दे रही हैं। पैथालाजी से एक ही खून जांच की अलग- अलग रिपोर्ट देने का मामला सामने आया है। पैथालाजी के कर्मचारियों ने पहले मासूम का 11 ग्राम एचबी बता दिया। डॉक्टरों को संदेह हुआ तो दोबारा एचबी की जांच कराई। दोबारा जांच कराने पर एचबी 3.6 ग्राम आया। मामले में अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। दरअसल शहर से सटे जोधपुर गांव निवासी दो माह की सुजाता बैगा को परिजन इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। डॉक्टरों ने इलाज के लिए मासूम सुजाता का ब्लड सेंपल भेजा। जिला अस्पताल की पैथालाजी में पहली जांच में कर्मचारियों ने 11 ग्राम एचबी बता दिया। परिजनों को संदेह हुआ तो डॉक्टरों से बात की और दोबारा जांच की बात कही। दोबारा डॉक्टरों ने जांच कराई तो एचबी घटकर 3.6 ग्राम पर पहुंच गया। दरअसल जिला अस्पताल के पैथालाजी में कई अप्रशिक्षित लोगों से भी काम लिया जाता है, जिससे यह स्थिति बनती है।
प्रभावित होता है मरीजों का इलाज
अस्पताल के डॉक्टर्स की मानें तो कई मर्तबा इस तरह की रिपोर्ट आने से मरीजों का इलाज भी प्रभावित होता है। एक ही जांच की अलग- अलग रिपोर्ट आने से डॉक्टर सही मर्ज नहीं समझ पाते हैं और इलाज करना संभव नहीं होता है। रिपोर्ट के आधार पर ही मरीज का इलाज शुरू कर दिया जाता है। दरअसल जिला अस्पताल के पैथालाजी में कई अप्रशिक्षित लोगों से भी काम लिया जाता है, जिससे यह स्थिति बनती है।
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