बंद रही सोनोग्राफी, वापस लौटे मरीज
इस दौरान सोनोग्राफी में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था। इससे सोनोग्राफी बंद रहा। सोनोग्राफी के लिए कई महिला मरीज पहुंची और सोनोग्राफी नहीं होता देखकर वापस लौट गई। शांतिबाई ने बताया कि सोनोग्राफी कराने आई हूं लेकिन कोई मौजूद नहीं है। इसलिए बिना सोनोग्राफी वापस जाना पड़ रहा है। अन्य महिला मरीज भी भटकते रहे। सोनोग्राफी में डॉक्टरों को खोजती रही लेकिन कोई डॉक्टर नहीं मिला। अंत में सभी महिला मरीज प्राइवेट में चली गई।
निर्णय लेने तीन दिन का मांगा समय
सीएमएचओ आफिस पहुंचे डॉक्टरों ने कहा कि अभी तक जिला अस्पताल के सिविल सर्जन पर निर्णय नहीं हो पाया है। इसलिए अपना इस्तीफा देने के लिए आए हैं। इस पर सीएमएचओ डॉ एमएस सागर ने उनसे कहा कि सिविल सर्जन पर निर्णय लेने के लिए वे लोग तीन दिन का समय दें। तीन दिन में सिविल सर्जन पर निर्णय ले लेंगे। इसके बाद जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने सीएमएचओ को इस्तीफा नहीं दिया और कहा कि तीन दिन तक देखेंगे उसके बाद आगे का निर्णय लेंगे।
आकस्मिक ओपीडी में एक डॉक्टर
इसी दौरान आकस्मिक ओपीडी में एक बीएचएमएस महिला डॉक्टर मौजूद रही। एक डॉक्टर से आकस्मिक ओपीडी का काम चलाया जाता रहा। बाद में एक और महिला डॉक्टर पहुंची। इस दौरान काफी संख्या में मरीज एकत्रित थे। उधर दोपहर लगभग 12.30 बजे जिला अस्पताल के सभी डॉक्टर अपना इस्तीफा देने के लिए सीएमएचओ आफिस पहुंच गए थे।
व्हीलचेयर तक नहीं मिली, हुए परेशान
इसी दौरान दोपहर लगभग 12 बजे वृद्ध महिला काशी दुबे इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंची। उनसे चला नहीं जा रहा था। इसलिए परिजनों ने व्हीलचेयर अस्पताल में खोजा लेकिन व्हीलचेयर उन्हें नहीं मिला। उनको हड्डी में समस्या थी। इस दौरान परिजनों को पता चला कि हड्डी का कोई डॉक्टर आकस्मिक ओपीडी में मौजूद नहीं है। इसलिए परिजन वृद्ध महिला काशी दुबे को वापस किसी प्राइवेट में डॉक्टर को दिखाने के लिए जिला अस्पताल से लेकर चले गए। इसी तरह कई अन्य मरीज भी वापस लौट गए।