450 में से 343 टीबी मरीज मिले
जिला क्षय विभाग को त्रैमासिक जनवरी, फरवरी व मार्च में कुल 450 टीबी मरीजों को खोजना था। इसमें से विभाग 343 टीबी मरीजों को ही खोज पाया है। इसी प्रकार अप्रैल, मई और जून में विभाग को 450 टीबी मरीजों को खोजने का लक्ष्य मिला था,जिसमें से विभाग 379 मरीजों को ही खोज सका है। दोनों ही त्रैमासिक माह में टीबी मरीजों की खोज का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है।
करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं
शासन टीबी मरीजों की खोजकर उनके इलाज के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है लेकिन जिले में जिला क्षय विभाग में अधिकारी के नहीं रहने से टीबी मरीजों की खोजने की योजना पर पलीता लग रहा है। जिला क्षय विभाग के अधिकारी विभाग में पदस्थ नहीं है। वह जिला क्षय विभाग दूसरी जगह पदस्थ है। वहीं से कामकाज को निपटा रहे हैं। ऐसे में टीबी मरीजों को खोजने की लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो रही है। विभाग को त्रैमासिक टीबी मरीजों को खोजने का जो लक्ष्य दिया गया है। वह इस बार प्राप्त नहीं हुआ है।
8500 मरीजों की बलगम की जांच होनी चाहिए
जिले में 11 लाख की आबादी में 8500 लोगों की बलगम की जांच होनी चाहिए। यानि जिला क्षय विभाग को एक साल में 8500 मरीजों की बलगम की जांच करने का लक्ष्य दिया गया है। छह माह में केवल 1142 मरीजों की बलगम की जांच कर पाया है। बाकी छह माह में मरीजों की बलगम की जांच का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाएगा।
इससे टीबी मरीजों को खोजने का लक्ष्य भी पूरा नहीं हो पाएगा।