scriptPlatform shed dilapidated, passengers forced to wander here and there | प्लेटफार्म का शेड हुआ जर्जर, बारिश के बाद यात्रियों को सिर छिपाने इधर-उधर भटकने की मजबूरी | Patrika News

प्लेटफार्म का शेड हुआ जर्जर, बारिश के बाद यात्रियों को सिर छिपाने इधर-उधर भटकने की मजबूरी

locationशाहडोलPublished: Sep 03, 2023 12:07:37 pm

Submitted by:

shubham singh

ट्रेन आने के बाद भागादौड़ी से हो सकती है बड़ी दुर्घटना

प्लेटफार्म का शेड हुआ जर्जर, बारिश के बाद यात्रियों को सिर छिपाने इधर-उधर भटकने की मजबूरी
प्लेटफार्म का शेड हुआ जर्जर, बारिश के बाद यात्रियों को सिर छिपाने इधर-उधर भटकने की मजबूरी

शहडोल. रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म में बने शेड जर्जर हो गए हैं। बारिश होने से कई स्थानों पानी का रिसाव होता है। रेल प्रबंधन की उदासीनता के कारण रेलवे स्टेशन में कभी भी हादसा हो सकता है। बारिश के पानी से प्लेट फार्म के कई स्थानों शेड पानी टपकता है। जिससे यात्रियों को सिर छिपाने परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेल प्रबंधन सुधार के लिए ठोस प्रयास नहीं कर रही है। जिसके कारण दिनों दिन प्लेटफार्म जर्जर होते जा रहे हैं। शेड से लेकर फर्श तक की हालत जर्जर हो चुकी है। रेलवे स्टेशन के तीनों प्लेट फार्म में इन दिनों फर्श टूटी हुई है और पानी टपक रहा है। ट्रेन आने के बाद यात्रियों की भागादौड़ी में यह पानी हादसे का कारण बन सकता है। शनिवार की शाम को हुई अचानक बारिश से प्लेट फार्म 1 में शेड का पानी फर्श में गिर रहा था। जिसके कारण यात्री परेशान हो रहे थे। इसके अलावा कई और स्थानों में भी पानी का रिसाव होने के कारण फर्श पर पानी भरा था।
ट्रेन आते वक्त कभी भी हो सकता है हादसा
रेलवे स्टेशन में ट्रेन आने के बाद यात्रियों में भागा दौड़ी की स्थिति निर्मित हो जाती है। ऐसे में प्लेट फार्म पर बारिश के पानी से पैर स्लिप होने से हादसा हो सकता है। रेल प्रबंधन की तरफ से बारिश में पानी रिसाव को रोकने ठोस प्रयास नहीं किए गए हैं। रेलवे के जानकारों की माने तो रेलवे स्टेशन की मरमम्त के लिए फंड आता है।
प्लान बना लेकिन शुरू नहीं हुआ काम
शहडोल रेलवे स्टेशन के बाहर के लिए बीते तीन महीने पहले ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया था। जिसमें स्टेशन के बाहर मुख्य द्वारा पर ग्लो साइनिंग बोर्ड, स्टेशन से दरभंगा चौक तक 30 मीटर चौड़ी सडक़, सडक़ पर रोड मार्किंग व सांकेतिक बोर्ड, स्टेशन के सामने वीआइपी एन्ट्री के लिए पोर्च निर्माण, चार पहिया वाहन पार्किंग की समुचित व्यवस्था के लिए स्थान निर्धारण के साथ ही यात्रियों की सुविधा के लिए और भी काम किए जाना है। यातायात व आरपीएफ ने ट्रैफिक प्लान तैयार कर रेलवे प्रबंधन को सौंपा था। तीन महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अब तक कार्य शुरू नहीं किया गया। न ही प्रयास किए जा रहे हैं।

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