इन्वेस्टिगेशन और कोर्ट में आती हैं दिक्कतें
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अभी तक थानों में सिर्फ एक मुहर लगती थी, जिसमें थाना प्रभारी लिखा होता था। इसमें न तो थाना प्रभारी का नाम होता था और न ही जांचकर्ता का नाम रहता था। इसके चलते स्थानांतरण के बाद कई बार इन्वेस्टिगेशन और न्यायालय के अलावा पेशी के दौरान दिक्कतें आती थी। पुलिसकर्मियों का काफी समय यह पता लगाने में ही चला जाता था कि जांच किसने की और किस थाना प्रभारी की मुहर है।
अभी सिर्फ थाना प्रभारी लिखी लगाते थे मुहर
अभी रेंज के चारों जिलों के थानों में थाना प्रभारी लिखी मुहर है। इसका ही उपयोग जांच और अन्य मामलों में किया जाता है। मुंशी से लेकर थाना के पुलिसकर्मी फार करके थाना प्रभारी की सील लगा देते थे। इससे विभागीय कार्यो में काफी दिक्कतें आती हैं। जिसको लेकर आईजी ने रेंज के सभी एसपी को निर्देश दिए हैं।
अभी तक थाना प्रभारी की सील का उपयोग किया जाता था। थानों में फार करके उपयोग करते थे। इससे कई बार जिम्मेदारी और लापरवाही तय नहीं कर पाते थे। विभागीय कार्य, जांच और कोर्ट के मामलों में भी सील में नाम न होने से दिक्कतें होती थी। रेंज के चारों जिलों को निर्देश दिए कि नाम और पद के साथ सील बनाएं।
एसपी सिंह, आईजी
पुलिस रेंज, शहडोल