scriptअब निराश नहीं लौटेंगे टाइगर प्रेमी, बांधवगढ़ और कान्हा में टाइगर सफारी की तैयारी, दर्शकों को रिझाएंगे बूढ़े और रेस्क्यू बाघ | Preparations for Tiger Safari in Bandhavgarh and Kanha Raipur news | Patrika News

अब निराश नहीं लौटेंगे टाइगर प्रेमी, बांधवगढ़ और कान्हा में टाइगर सफारी की तैयारी, दर्शकों को रिझाएंगे बूढ़े और रेस्क्यू बाघ

locationशाहडोलPublished: Sep 13, 2019 01:10:13 pm

Submitted by:

shubham singh

रायपुर जंगल सफारी की स्टडी कर लौटे बांधवगढ़ और कान्हा के डायरेक्टर, पुराने प्रस्ताव में होगा संशोधन

tiger fight goes viral in bandhavgarh tiger reserve

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शहडोल. बांधवगढ़ और कान्हा नेशनल पार्क में टाइगर सफारी के प्रोजेक्ट की तैयारी फिर तेज हो गई है। पुराने प्रस्ताव के क्षेत्रफल में संशोधन करते हुए दोबारा नए तरीके से भेजा जा रहा है। बांधवगढ़ और कान्हा नेशनल पार्क के डायरेक्टरों को सफारी का कान्सेप्ट समझाने के लिए रायपुर जंगल सफारी भेजा गया था। नेशनल पार्को के डॉयरेक्टर यहां से स्टडी के बाद वापस लौटे हैं। अब पुराने प्रस्ताव में संशोधन करते हुए नए तरीके से भेजा जा रहा है। मप्र के नेशनल पार्को में टाइगर सफारी के लिए एनटीसीए के साथ ही राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। इको टूरिज्म विभाग में टाइगर सफारी का यह अभी प्रस्तावित भी है। नेशनल पार्को में टाइगर सफारी तैयार होने से आसानी से बाघों को देखा जा सकेगा। अभी बांधवगढ़ और कान्हा नेशनल पार्क में पर्यटकों को कई मर्तबा बाघ नजर नहीं आते हैं। टाइगर सफारी तैयार होने से निराश नहीं लौटना पड़ेगा।
आपत्ति के बाद अब फिर 50 से 60 हेक्टेयर में सफारी
अधिकारियों के अनुसार, पूर्व में टाइगर सफारी का प्रस्ताव गया था। इसके बाद एनटीसीए की टीम ने दौरा किया था और स्थिति देखी थी। उस वक्त 400 से 500 हेक्टेयर में टाइगर सफारी प्रस्तावित थी। बाद में एनटीसीए ने आपत्ति की थी। जिसके बाद मामला शांत हो गया था। अब दोबारा नए तरीके से कई बिंदुओं पर संशोधन करते हुए भेजा जा रहा है। अधिकारियों की मानें तो अब 40 से 60 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में टाइगर सफारी तैयार होगी।
घायल और उम्रदराज बाघों को रखने की तैयारी
अधिकारियों की माने तो टाइगर सफारी में घायल और रेस्क्यू के बाद कैप्चर बाघों को यहां रखा जाएगा। इसके साथ ही कई बुजुर्ग बाघों को भी यहां शिफ्ट किया जाएगा। बांधवगढ़ और कान्हा नेशनल पार्क प्रबंधन इसके लिए अभी से तैयारियां भी शुरू कर दिया है। टाइगर सफारी से जहां आय बढ़़ेगी, वहीं पार्को में दबाव कम होगा।
डायरेक्टरों ने देखा नाइट हाउसिंग, काउंटर अैर इन्क्लोजर कान्सेप्ट
बांधवगढ़ और कान्हा नेशनल पार्क के डायरेक्टरों ने रायपुर में जंगल सफारी का कान्सेप्ट समझा। यहां पर चार अलग- अलग इन्क्लोजर के बारे में समझा। इसके साथ ही नाइट हाउसिंग, काउंटर के अलावा वन्यजीवों के रहन सहन और बंद गाडिय़ों के आने जाने के बारे में जानकारी ली।
बांधवगढ़ में टाइगर सफारी की तैयारी है। पहले लगभग 500 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में प्रस्तावित थी लेकिन आपत्ति के बाद 50 से 60 हेक्टेयर में अब करने की तैयारी है। शासन ने रायपुर जंगल सफारी से कान्सेप्ट समझने के लिए भेजा था।
बिनसेट रहीम, क्षेत्र संचालक
बांधवगढ़ नेशनल पार्क
टाइगर सफारी का प्रस्ताव पहले भेजा जा चुका था। अभी कुछ संशोधन करके भेज रहे हैं। क्षेत्रफल को भी कम किया गया है। कैप्चर करके यहां पर बाघों को रखा जाएगा। कुछ बूढ़े बाघों को भी शिफ्ट किया जाएगा।
एम कृष्णमूर्ति, क्षेत्र संचालक
कान्हा नेशनल पार्क
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