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शाहडोल

जिंदगीभर बच्चों को पढ़ाया, मौत के बाद भी शरीर शिक्षा में काम आए, लोगों ने मना किया फिर भी उठाया ऐसा कदम

मेडिकल कॉलेज खुलते ही 6 लोगों ने किया देहदान

शाहडोलJul 22, 2019 / 12:45 pm

shubham singh

medical collage

body donate

शहडोल। जिंदगीभर बच्चों को शिक्षा देने वाले सेवानिवृत्त शिक्षक ने देहदान की घोषणा की है। उनका कहना है कि मौत के बाद भी मेरा देह शिक्षा के लिए ही काम आ सके, इसलिए ऐसा निर्णय लिया है। शहर के रिटायर्ड प्रिसिपल बेलाराम जगवानी सोमवार को अपने देह को मेडिकल कालेज शहडोल को दान करेगे। देह दान के आवेदन को कल सुबह मेडीकल कालेज शहडोल के डीन को सौपेंगे। उनका कहना है कि मैं मरने के बाद भी जिंदा रहना चाहता हूं। देहदान करके मैं मरने के बाद भी जिंदा रह सकता हूं। जिंदगीभर बच्चों को शिक्षित करने वाले शिक्षक बेलाराम का कहना है कि मैं विज्ञान का शिक्षक रहा हंू। देहदान की महत्वता समझता हूं। पहले निर्णय लिया था। लोगों ने मना भी किया लेकिन मैं अडिग रहा। अब सब कोई फैसले के साथ हैं।
सांसे थमने के बाद भी दूसरों के आएंगे काम, मेडिकल कॉलेज खुलते ही 6 लोगों ने किया देहदान
शहडोल। मेडिकल कॉलेज खुलते ही अब देहदान के लिए दानदाता आगे आने लगे हैं। शहर के आधा दर्जन समाजसेवियों ने मेडिकल कॉलेज शहडोल में देहदान के लिए आवेदन किया है। मेडिकल जांच के अलावा शपथ और कई प्रक्रियाओं के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने भी इन्हे देहदान के लिए अनुमति दे दी है। शहर के ६ समाजसेवी अब सांसे थमने के बाद भी दूसरों के काम आ सकेंगे। समाजसेवियों का मानना है कि देहदान के माध्यम से अब दूसरों को जिंदगी देने का जरिया बन सकेंगे। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के अनुसार, अभी छह लोगों ने देहदान किया है। इसके साथ ही कई आवेदन अभी भी आ रहे हैं।
आई बैंक नहीं, हर माह 5 लोग करना चाहते हैं डोनेट
हाल ही में खुले मेडिकल कॉलेज में अभी आई बैंक की सुविधा नहीं है। इसके बाद भी लोग आई डोनेट करने के लिए पहुंच रहे हैं। प्रबंधन की मानें तो हर माह पांच लोग ऐसे पहुंचते हैं, जो आंखों को डोनेट करना चाहते हैं। प्रबंधन आई बैंक के लिए जल्द प्रयास कर रहा है। प्रबंधन के अनुसार, आंखों की पुतली निकाली जाती है। इसके लिए बैंक का होना बेहद जरूरी है, वरना कुछ दूरी में आंखे खराब हो सकती हैं।

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