यहां मंडराता है खतरा
-रेल पटरियों के बगल में नाली निर्माण कार्य में लगे पुरूष व महिला मजदूरों पर
-रात्रिकाल के अंधेरे में जीआरपी के बगल में ट्रेन के इंतजार पर खड़े यात्रियों पर
-प्लेटफार्म नम्बर दो और तीन में पड़े एस्बेस्टेड शीट के मलवे से चोंटिल हो रहे यात्रियों पर
-प्लेटफार्म नं. दो व तीन में पीपल पेड़ के पास ट्रेन के इंतजार पर खड़े यात्रियों पर
-बगैर सूचना के बंद एफओबी से आवागमन करने वाले रेल यात्रियों पर
-बगैर सुरक्षा उपकरणों के शेड की सीलिंग व खंभों की पुताई कर रहे मजदूरों पर
-सीएसएम व पार्सल ऑफिस के सामने रात्रिकाल में ट्रेन के इंतजार में खड़े यात्रियों पर
यह कार्य अत्यंत जरूरी है
-रेलवे स्टेशन में प्लेटफार्म के इंड पर काउकैचर की नितांत जरूरत
-यात्रियों को एमरजेन्सी में रुपयों के लिए एटीएम और उपचार के लिए मेडिकल स्टोर
-टिकट व इंक्वायरी काउंटर कक्ष के बाहर पुलिस जवानों की नियमित ड्यूटी
-स्टेशन परिसर के बाहर व अंदर ऑटो चालकों की दखलंदाजी पर रोक
-बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों के बाहर निकलने वाले अघोषित मार्ग बंद हो
-सेकेण्ड क्लास के वेटिंग रूम में यात्रियों लिए यूरिनल व शौचालय की व्यवस्था
-प्लेटफार्म के सभी डार्क एरियों में प्रकाश की समुचित व्यवस्था आवश्यक
केटल गार्ड हैं क्षतिग्रस्त
रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार में लगे केटल गार्ड कई जगहों से टूट गए है और दिव्यांगों के लिए बनाए गए पार्किंग स्थल का गेट खुला रहता है। जिससे आवारा मवेशी आसानी से अंदर घुस जाते हैं। इसके अलावा स्टेशन के दोनों इंड प्वाइंट पर भी काउकेचर लगाए जाने की जरूरत है।
कई जगह बने है अघोषित मार्ग
रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक में कई स्थानों पर अघोषित मार्ग और टैक्सी स्टैण्ड बने हुए हैं। जहां से बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्री आसानी से बाहर हो जाते हैं और टिकट चेकर हाथ मलते रह जाते हैं। यह अघोषित मार्ग जीआरपी के बगल और लॉबी क्रू ऑफिस के पास है।
प्लेटफार्म में निमार्ण कार्यों की तैयारी (फोटो-१७)
प्लेटफार्म में नाली निर्माण के लिए छड़ों को काटने व सीधा करने का कार्य मजदूरों द्वारा किया जाता है। साथ ही प्लेटफार्म से ही मजदूर निर्माण सामग्री को लाते ले जाते है। जिससे यात्रियों केा आवागमन में काफी दिक्कतें होती हैं और उन पर खतरा मंडराता रहता है।
इनका कहना है
रेलवे स्टेशन में महाप्रबंधक के आगमन को लेकर नहीं बल्कि पुराने पेंडिंग पड़े कार्यों को कराया जा रहा है। जीएम के आगमन की तैयारी का कोई फंड नहीं होता है। वह वर्ष में एक बार वार्षिक निरीक्षण करने जाते ही है। वैसे भी जो भी कार्य कराए जा रहे हैं, उसका लाभ तो यात्रियों को ही मिलेगा।
अंबिकेश साहू, जनसंपर्क अधिकारी, दपूमरे, बिलासपुर