पिछले साल यह रही स्थिति
पिछले साल कोरोना संक्रमण के बाद अप्रैल माह में लॉकडाउन लग जाने से ट्रेनें बिलकुल नहीं चली। इससे आमदनी निल रही। वहीं मई माह में 40 यात्रियों ने यात्रा की जबकि टिकिट रिफंड करने से रेलवे को 1 लाख 38 हजार 610 रुपए का घाटा हुआ। वहीं जून माह में 223 यात्रियों ने यात्रा की जबकि टिकिट रिफंड करने से रेलवे को 17 लाख 24 हजार 245 रुपए का घाटा हुआ। इस साल कोरोना संक्रमण काल में स्पेशल ट्रेनों के चलने और रियायत खत्म होने से रेलवे को मुनाफा बढ़ गया। बढ़े किराये के चलते आम आदमी की जेब पर भार पड़ रहा है। जबकि रियायत नहीं मिलने से वृद्धजन और रियायत श्रेणी में आने वाले लोग रेलवे को कोस रहे हैं।
अलग से बॉक्स में लगाएं
-साल 2020-21 अप्रैल माह में आरक्षित श्रेणी में मांग पत्र निल, यात्री संख्या निल तथा आय निल रही।
-साल 2021-22 में अप्रैल माह में आरक्षित श्रेणी में मांग पत्र 6600 एवं यात्री संख्या 8254 तथा आय 7 लाख 75 हजार 510 रुपए रही।
-साल 2020-21 मई माह में आरक्षित श्रेणी में मांग पत्र 861, यात्री संख्या 40 तथा रेलवे को 1 लाख 38 हजार 610 रुपए घाटा हुआ।
– साल 2021-22 में मई माह में आरक्षित श्रेणी में मांग पत्र 2968, यात्री संख्या 3984 तथा रेलवे को 4 लाख 99 हजार 465 रुपए का मुनाफा हुआ।
-साल 2020-21 में जून माह में मांग पत्र 1509, यात्री संख्या 223 तथा रेलवे को 17 लाख 24 हजार 245 रुपए का घाटा हुआ।
– साल 2021-22 में जून माह में मांग पत्र 6368, यात्री संख्या 11003 तथा रेलवे को 26 लाख 24 हजार 350 रुपए का फायदा हुआ।
– साल 2020-21 में अनारक्षित श्रेणी में अप्रैल, मई तथा जून माह में मांग पत्र,यात्री संख्या तथा आय शून्य रही।
-साल 2021-22 में अनारक्षित श्रेणी में अप्रैल माह में यात्री संख्या 1354 तथा आय 62 हजार 265 रही। जबकि मई माह में यात्री संख्या 1745 तथा आय 84 हजार 160 रुपए वहीं जून माह में यात्री संख्या 6711 तथा आय 3 लाख 36 हजार 145 रुपए रही।