व्यापारियों को एक गलती पड़ रही भारी, जीएसटी पर हो रहे परेशान
जीएसटी विभाग द्वारा थोक में निरस्त किए गए हैं पंजीयन

शहडोल। जीएसटी विभाग द्वारा तीन माह पहले सैकड़ों व्यापारियों के थोक में रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए गए थे। इसके परिणाम भी अब सामने आने लगे हैं। दुकानदारों को सामान क्रय-विक्रय करने में परेशानियां आ रहीं हैं। वहीं जीएसटी विभाग द्वारा इन व्यापारियों से प्रतिदिन ५० रुपए की पैनल्टी वसूल कर रहा है। तीन माह से रिटर्न फाइल न होने पर तीनों माह की पैनल्टी एक साथ १५० रुपए लगाई जा रही है। कुछ व्यापारियों पर पैनल्टी का कर्ज ८ हजार के ऊपर पहुंच गया है। वहीं विभाग
शहडोल उमरिया के करीब पांच हजार व्यापारियों में से लगभग १२ सौ व्यापारियों के रजिस्ट्रेशन एचओ ऑफिस इंदौर से अचानक रद्द कर दिए गए थे। इनमें से कुछ व्यापारी ऐसे थे जिन्होंने पुराना वैट और जीएसटी फाइल नहीं किया था। लेकिन कुछ ऐसे व्यापारियों के रजिस्टे्रशन भी निरस्त कर दिए गए थे, जिनका पुराना वैट नहीं था और वर्तमान में रिटर्न फाइल कर रहे थे। पंजीयन निरस्त होने का ठीकरा व्यापारी जीएसटी विभाग पर फोड़ रहे हैं। हालाकि विभाग द्वारा करीब साढ़े ४ सौ व्यापारियेां के पंजीयन रीस्टोर कर दिए गए हैं।
कर सलाहकारों की माने तो वर्तमान में ६०० से अधिक व्यापारियों के रजिस्ट्रेशन निरस्त चल रहे हैं। लेकिन विभाग द्वारा अब पंजीयन रीस्टोर करने की प्रक्रीया रोक दी गई है।
ब्यौहारी के कमलेश प्रसाद पन्नेलाल की किराना एवं जनरल स्टोर है। इनका जीएसटी नंबर निरस्त हो गया था। अभी पर नंबर रीस्टोर नहीं हो पाया है। जिस कारण अक्टूबर से दिसंबर तीन माह की पैनल्टी लग रही है। इसी तरह अन्य व्यापारियों पर भी प्रतिदिन ५० रुपए और तीन माह को जोड़ा जाए तो १५० रुपए प्रतिदिन की पैनल्टी लग रही है। जब व्यापारी माल खरीदने के लिए जाते हैं तो इंट्री नहीं हो रही है। व्यापारी सवाल उठा रहे हैं कि विभाग द्वारा निरस्त किए गए पंजीयन के बाद व्यापार प्रभावित होने और पैनल्टी के कर्ज का जिम्मेदार कौन है।
--जीएसटी विभाग द्वारा व्यापारियों के पंजीयन निरस्त कर देने से दुकानदारों को सामान बेचने और लेने में परेशानियां हो रहीं हैं, उन पर पैनल्टी भी लग रही है, जब व्यापारी नंबर रीस्टोर कराने पहुंचते हैं तो पंजीयन जीवित भी नहीं किए जा रहे हैं।
नारायण पांडे
कर सलाहकार व एडवोकेट
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