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समय-समय पर स्कूलों में ऐसे कार्यक्रम जरूरी

locationशाहडोलPublished: Dec 07, 2017 06:13:48 pm

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Shahdol online

कृषि की नई तकनीक से वाकिफ हों विद्यार्थी

Regularly required in such programs in schools

Regularly required in such programs in schools

शहडोल- कृषि विज्ञान केन्द्र शहडोल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मृगेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में मॉडल हाई सेकण्डरी स्कूल चांपा परिसर में कृषि शिक्षा दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मॉडल स्कूल के प्रार्चाय डॉ. एम.एल. पाठक रहे। कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए मॉडल स्कूल के प्रार्चाय डॉ. एम.एल. पाठक ने विद्यार्थियों को बहु उपयोगी कृषि ज्ञान तथा कृषि की नई-नई तकनीकियों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर उन्होने ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर स्कूलो में करायें जाने पर जोर दिया। कृषि शिक्षा दिवस की जानकारी एवं महत्व पर प्रकाश डालते हुए केन्द्र के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. मृगेन्द्र सिंह के द्वारा विद्यार्थियों को यह बताया गया कि स्व. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद हमारे देश के प्रथम कृषि मंत्री एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति रहे। कृषि शिक्षा दिवस स्व. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के महत्व को दर्शाता है।
स्व. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का जन्म 3 दिसम्बर 1884 को बिहार के एक छोटे से गांव जीरादेई में हुआ था। वह भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेताओ में से एक थे, उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में भी अपना योगदान दिया।
उन्होंने 12 वर्षो तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करने के पश्चात वर्ष 1962 में अपने अवकाश की घोषणा की। उनके उत्कृष्ट कार्यो के लिए भारत सरकार ने 1962 में उन्हे देश का सर्वोच्च सम्मान ”भारत रत्न” से सम्मानित किया गया था। अपने आदर्शो एवं श्रेष्ठ भारतीय मूल्यों के लिए राष्ट्र के लिए वे सदैव प्रेरणादायक बने रहेंगे।
केन्द्र के मृदा वैज्ञानिक पी. एन. त्रिपाठी ने कृषि शिक्षा दिवस के अवसर पर कृषि शिक्षा के महत्व बताये साथ ही शहडोल जिले में अपनाई जा रही नवीनतम कृषि तकनीक पर प्रकाश डाला। प्रख्यात व्यवसायिओं द्वारा दिए जाने वाले प्रेणादायक व्याख्यानों, जिसमें राज्य के सभी छात्र व छात्राओं कों प्रोत्साहन मिले तथा हमारे कृषि शिक्षा के विद्यार्थियों को स्व. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के विचारो से अवगत करवाये ताकि हमारे युवा, भारत निर्माण, में अग्रसर होकर देश को कृषि शिक्षा के क्षेत्र में विश्व में प्रथम स्थान पर ला सके।
कार्यक्रम में छात्र व छात्राओं को पुरस्कृत किया गया तथा कार्यक्रम में कृषि संबंधित प्रश्न्नोत्तरी कार्यक्रम भी कराये गये। अंत में आभार श्रीमती अल्पना शर्मा ने दिए। कार्यक्रम को सफल एवं उपयोगी बनाने में स्कूल प्राचार्य डॉ. एम. एल. पाठक एवं दीपक सिंह चौहान इंजीनियर कृषि विज्ञान केन्द्र शहडोल, का विशेष योगदान रहा।
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