script

सांठगांठ: डॉक्टरों की मौजूदगी में लगना था रेमडेसिविर, सीधे नर्स और दलालों तक कैसे पहुंचे इंजेक्शन

locationशाहडोलPublished: May 12, 2021 09:54:51 pm

Submitted by:

amaresh singh

रेमडेसिविर की कालाबाजारी से जुड़े चार आरोपियों का एनएसए, कॉलेज प्रबंधन ने भी हटाया

Remedesvir was to take place in the present of doctors

सांठगांठ: डॉक्टरों की मौजूदगी में लगना था रेमडेसिविर, सीधे नर्स और दलालों तक कैसे पहुंचे इंजेक्शन

शहडोल. मेडिकल कॉलेज शहडोल से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी उजागर होने के बाद प्रबंधन भी कटघरे में आ गया है। मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन डॉक्टरों की मौजूदगी में लगना था। मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन जारी होने के बाद सूची बनती थी। बाद में डॉक्टरों की मौजूदगी में इंजेक्शन लगना था लेकिन नर्स द्वारा लगातार एक के बाद एक 20 इंजेक्शनों को बाहर सप्लाई करने के मामले में कई तरह के सवालिया निशान लग रहे हैं। सीधे नर्स और फिर लैब टेक्निशीयनों के साथ मेडिकल स्टोर तक इंजेक्शन सप्लाई कर दिया जाता था। सवाल उठता है कि डॉक्टरों की निगरानी में इंजेक्शन लग रहे थे तो बाहर तक कैसे सप्लाई हो गई। हालांकि पुलिस की पूछताछ में कई तथ्य सामने आए हैं। इसमें निजी अस्पतालों की भी गठजोड़ सामने आ रही है। एसपी अवधेश गोस्वामी ने गंभीरता से लेते हुए चारों आरोपियों के प्रकरण कलेक्टर के समक्ष भेजे, जहां से एनएसए की कार्रवाई की गई है।

कालाबाजारी करने वाले तीन कर्मचारियों की सेवा समाप्त, पंजीयन भी होगा निरस्त
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में मेडिकल कॉलेज शहडोल से सीधा कनेक्शन उजागर होने के बाद कॉलेज प्रबंधन ने तीन कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी है। उनके पंजीयन को निरस्त करने नर्सिग कांउसिल और पैरामेडिकल काउंसिल को पत्राचार किया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा यह कार्रवाई कमिश्नर राजीव शर्मा के निर्देश पर की गई है। डॉ मिलिन्द शिरालकर डीन मेडिकल कॉलेज ने कोविड वार्ड में पदस्थ लैब ट्रेक्नीशियन एनएचएम के अंतर्गत कार्यरत उज्जवल द्विवेदी, स्टाफ नर्स एनएचएम के अंतर्गत कार्यरत सुषमा साहू, लैब आटेन्डेंट दीपक गुप्ता आउटसोर्स में कार्यरत कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। कमिश्नर शहडोल संभाग ने बताया कि कोविड केयर वार्ड में कार्यरत स्टाफ नर्स के नर्सिंग की डिग्री के पंजीयन को निरस्त करने और ब्लैक लिस्टेड करने के लिए मध्यप्रदेश नर्सिंग कांउसिल को और लैब टेक्निशीयन और लैब अटेण्डेंट के पंजीयन को निरस्त करने के लिए मध्यप्रदेश पैरामेडिकल काउंसिल को भी पत्र लिखा जाएगा।

कम डोज लगाकर लैब टेक्निशीयन और नर्स बाहर बेचती थे इंजेक्शन
दो दिन पहले पुलिस ने रेमडीशिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में मेडिकल कॉलेज की स्टाफ नर्स, लैब टेक्निीशिन और लैब अटैडेन्ट के साथ मेडिकल स्टोर संचालक को गिरफ्तार किया था। जिनके पास से रेमेडीशिविर इंजेक्शन के साथ नगदी व अन्य सामग्री जब्त की गई थी। मेडिकल कॉलेज में पदस्थ उक्त कर्मचारी मरीजों को लगने के लिए जारी होने वाले रेमडीशिविर इंजेक्शन की डोज को रजिस्टर में दर्ज करने के बाद मरीजों को लगाने की वजाय उन्हे चोरी छिपे मेडिकल स्टोर संचालक को दे देते थे। जिन्हे बाद में मरीजों को औने-पौने दामो में बेचा जाता था।

सवाल – 1
इंजेक्शन लगाने के बाद खाली वायल की क्या व्यवस्था है?
– कमिश्नर ने मरीजों के इंजेक्शन लगने के बाद खाली वायल रखने के निर्देश दिए थे। वीडियो भी बनाना था लेकिन प्रबंधन के पास कोई पुख्ता रेकार्ड नहीं है। गिनती के खाली वायल है। अधिकांश के नहीं हैं।

सवाल – 2
क्या रेमडेसिविर इंजेक्शन डॉक्टरों की देखरेख में लग रहे थे?
प्रबंधन के अनुसार, स्टाफ कम होने की वजह से स्टोर से नर्सों को सीधे इंजेक्शन दे दिया जाता था। डॉक्टरों की देखरेख में होना था लेकिन कई मामलों में नर्सों को हस्ताक्षर कराकर दे दिए गए थे।

सवाल – 3
क्या सभी मरीजों को इंजेक्शन डॉक्टरों के सुपरविजन में दिया गया?
– प्रबंधन के अनुसार, मेडिकल कॉलेज के तीन डॉक्टरों की टीम बनी हुई है। ये निर्धारित करती है, किस मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगना है। पूरे रेकार्ड खंगाले जा रहे हैं।

सवाल – 4
स्टॉक इंचार्ज कौन था। इंजेक्शन कब और किस मरीज को जारी हुए थे?
– जांच कराई जा रही है। नर्सों को सीधा इंजेक्शन नहीं देना था। डॉक्टरों की निगरानी में रेमडेसिविर इंजेक्शन लगना था। जांच में दोषी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।


रेडक्रॉस और निजी अस्पतालों के मिलान में भी खुलेगी कलई
निजी अस्पतालों को जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के माध्यम से रेमडेसिविर इंजेेक्शन मिलते थे। इसमें भी गड़बड़ी से जुड़े सुराग पुलिस के हाथ लग रहे हैं। मरीजों की संख्या, जारी होने वाले कुल इंजेक्शन, खाली वायल के मिलान से हेरफेर सामने आ सकता है। सूत्रों की मानें तो शहडोल से कई वायल रेमडेसिविर की सप्लाई अधिकारियों के घरों के अलावा दूसरे जिलों में भी भेजी गई है।

ट्रेंडिंग वीडियो