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ई-वे बिल लेना क्रेता-विक्रेता और ट्रांसपोर्टर तीनो की जिम्मेदारी

locationशाहडोलPublished: Dec 07, 2017 10:22:50 pm

Submitted by:

Murari Soni

बिल समझाने आयोजित हुए कार्यशाला, ट्रांसपोर्टर एवं कर सलाहकार हुए शामिल

Responsibility of buyer-seller and transporter of e-bill

Responsibility of buyer-seller and transporter of e-bill

शहडोल। 1 जनवरी से माल ट्रंासपोर्टिंग के लिए ई-वे बिल लेना अनिवार्य होगा। जब भी सामग्री को १० किलोमीटर दूर लाते ले जाते हैं तो आपको ई-वे बिल जनरेट करना होगा। यह जिम्मेदारी क्रेता, विक्रेता और ट्रांसपोर्टर की संयुक्त रूप से होगी। तीनों में से कोई भी ई-वे बिल जनरेट कर सकता है। यह बात जीएसटी सहायक आयुक्त प्रकाश सिंह ने गुरूवार को आयोजित एक कार्यशाला के दौरान कही। इस मौके पर उन्होंने कहा कि ५० हजार से अधिक कीमत के सामान का ट्रांसपोर्ट करने के लिए व्यापारी ई-वे बिल लेना अपनी आदत में ढाल लें। यह नियम हम एकाएक नहीं थोपेंगे। २० तारीख तक नियम से संबंधित नोटिफिकेशन आ जाएगा। संबंधित लोग पोर्टल पर अपनी-अपनी प्रोफाइल बना लें। वैसे तो यह नियम १ जनवरी से लागू हो जाएगा, लेकिन लोगों की सहुलियत को देखते हुए हमने ट्रांसपोर्टरों, व्यापारियों को ३ माह का समय दिया है। मार्च-अप्रेल के पहले तक कोई पैनल्टी नहीं काटी जाएगी, लेकिन उसके बाद हम यह नियम पूर्णत: लागू कर देंगे।
मोबाइल-एसएमएस से भी जनरेट होगा बिल
ई-वे बिल पोर्टल, मोबाइल, एसएमएस, एप और एमपी ऑनलाइन से भी जनरेट किया जा सकता है। बिल जनरेट करने के लिए दो तरह के फार्म ऑनलाइन फिल करने होंगे जिसमें फार्म ए में जिसका जीएसटी नंबर है तो वह नंबर, वस्तू का मूल्य, स्थान, परिवहन का उद्देश्य, बिल्टी नंबर जैसी सामान्य जानकारी फिल करनी होगी। इसके बाद फार्म बी में आपको सिर्फ परिवहन करने वाले वाहन का नंबर देना होगा और आपका ई-वे बिल जनरेट हो जाएगा। यदि आप ऐसे किसी स्थान पर हैं, जहां नेट की सुविधा नहीं है, तो एसएमएस के जरिए थी बिल जनरेट कर सकते हैं।
आएंगे पोजीटिव रिजल्ट
इस मौके पर स्थानीय ट्रंासपोर्टरों ने अपनी-अपनी समस्याएं भी बताईं, जिस पर जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने समस्या का समाधान करने की बात कही। उन्होंने बताया कि जिन लोगों को समस्याएं आएंगी विभाग के अधिकारी उसका निदान करेंगे। कहा गया कि ई-वे बिल से पोजीटिव रिजल्ट आएंगे। इसके पहले इसी कार्य के लिए व्यापारियों से फार्म नंबर ४९ भरवाया जाता था। इंटरनेट के माध्यम से ई-वे बिल जनरेट करने में सिर्फ ५ मिनिट का समय लगेगा। चेक पोस्ट बंद कर दिए गए हैं, जिससे चेक पोस्ट से लगने वाले जाम से परिवहन को निजात मिलेगी।

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