अफसरों की सांठगांठ के चलते बड़े वाहनों से दिन रात यहां से रेत सप्लाई हो रही है
गिनती की जगहों में कार्रवाई करते हुए खनिज, प्रशासन और पुलिस अफसर इतिश्री कर रहे हैं, जबकि शहडोल के एक दर्जन से ज्यादा जगहों में अभी भी बड़ी मात्रा में रेत का भंडारण है। अफसरों की सांठगांठ के चलते बड़े वाहनों से दिन रात यहां से रेत सप्लाई हो रही है। अफसरों ने भी इन ठीहों पर अवैध भंडारण की खुली छूट दे रखी है। नदियों से खनन के बाद यहां माफियाओं ने बेखौफ होकर रेत का पहाड़ तैयार कर रखा है। बावजूद इसके कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है। शहडोल के अलावा कई बड़े संभागीय अधिकारियों पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं।
इस तरह खेल और जनता पर बड़ा असर
अवैध खनन से जहां नदियां छलनी हो रही है, वहीं दूसरी ओर आमजनता को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। तीन गुना दाम में महंगी रेत बिक रही है। माफिया नदियों के नजदीक भंडारण की अनुमति लेकर रखे हैं। यहां रेत में अवैध खनन के बाद रेत डंप कर वैध बना लिया जाता है, फिर यहीं से सप्लाई हो जाती है। वर्तमान में रेत डंपर ५ हजार से ६ हजार रूपए वसूल रहे हैं। बारिश से पहले ३ हजार रूपए ले रहे थे।
इन जगहों में नदियों से अवैध खनन
शहर से लगे नरवार, श्यामडीह, नवलपुर, धनगवां में रात में माफिया मशीन लगाकर खनन करा रहे हैं। जरवाही, बटुरा और बिछिया में बड़े पैमाने में रात में अवैध खनन हो रहा है। कोटमा और कुदरी में अवैध खनन मे राजनीतिक पार्टियों से जुड़े कई रसूखदारों के नाम भी सामने आ रहे हैं। इसी तरह ब्यौहारी के बनास, विजयसोता, पोड़ी, बुड़वा और सुखाड़ में अवैध खनन हो रहा है।
यहां माफियाओं का अवैध भंडारण
शहर से सटे कोटमा, कुदरी, श्यामडीह, नवलपुर, पटासी, कुअरसेजा में बड़े स्तर पर रेत का भंडारण है। बडख़ेड़ा, हड़हा, हडही, टिहकी और गोहपारू के रामपुर में भंडारण है। कोटमा, पटासी में तो कुछ अधिकारियों के नाम भी सीधी छूट देने के सामने आ रहे हैं। उधर जयसिंहनगर से सटे मसीरा क्षेत्र में भी खनन कारोबारी कंपनी का भंडारण है, लेकिन कोई जांच न होने से यहां पर बड़े स्तर पर गड़बडिय़ां हो रही हैं।
पत्रिका व्यू : अफसरों की छूट, नदियों के पास भंडारण
शहडोल में 12 जगहों में खनिज विभाग ने रेत भंडारण की अनुमति देकर रखी है। विडंबना की बात तो यह है कि ये सभी भंडारण नदियों से चंद दूरी पर ही हैं। माफिया रात में नदियों में अवैध तरीके से खनन कराते हुए यहां भंडारण में रेत लेकर पहुंचते हैं, फिर शुरू होता है रेत की अवैध खेप को वैध बनाने का खेल। खनिज विभाग और प्रशासन के अफसर कभी यहां जांच के लिए पहुंचते ही नहीं हैं। इससे पता ही नहीं चल पाता है कि स्वीकृत भंडारण में पहुंची रेत कहां से आई है और कितना भंडारण है। हाल ही में पटासी में रेत के भंडारण पर भी खनिज और प्रशासन के अफसरों ने जांच की थी लेकिन मामला बाद में दब गया।
पांच ब्लॉकों में 12 जगह रेत भंडारण की अनुमति
बुढ़ार -झगरहा, बटुरा
गोहपारू -बरहा
जयसिंहनगर -पोड़ीकला, रमसोहरा
सोहागपुर -कोटमा,पटासी
जैतपुर -पैरीबहरा
इस संबंध में शहडोल की खनिज अधिकारी फरहत जहां ने कहा कि अवैध खनन के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। भंडारण कई जगहों में स्वीकृत है। जांच के लिए टीम भेजी जाएगी। जांच कराई जाएगी कि कहां से रेत आ रही है।