शाहडोलPublished: Aug 12, 2022 10:45:10 pm
Ramashankar mishra
कार्रवाई व एफआइआर से कतरा रहे अधिकारीकलेक्टर ने संस्था संचालकों को 15 दिवस में राशि जमा करने दिए निर्देश
Scam: कागजों में बंटता रहा पोषाहार, कर्मचारियों ने किया 50 लाख का घोटाला,
शहडोल. अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग की छात्रवृत्ति में गड़बड़ी करते हुए छात्र संख्या से कहीं ज्यादा की छात्रवृत्ति लेने के मामले में कलेक्टर ने संस्थाओं से राशि वसूली के आदेश दिए हैं। कलेक्टर वंदना वैद्य ने अनुसूचित जनजाति मद की छात्रवृत्ति 24 लाख 96 हजार 810 रुपए, अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रवृत्ति की राशि 7 लाख 64 हजार 970 रुपए कुल 32 लाख 61 हजार 780 रुपए की वसूली के आदेश जारी कर 15 दिवस के अंदर संस्था संचालकों को सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग शहडोल के पक्ष में जमा करने के आदेश दिए है। राशि जमा नहीं करने पर वसूली की जाएगी। जानकारी के अनुसार संचालक सांई इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी शहडोल, गुरु कृपा स्कूल फॉर एक्सीलेंस तथा हातमी हॉस्पिटल जय स्तंभ चौक से यह राशि जमा कराई जानी है। साईं इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी के वीके त्रिपाठी, हातमी हॉस्पिटल जय स्तंभ चौक के डॉ मरियम बोहरा एवं दीपंकर दत्ता गुरु कृपा स्कूल फॉर एक्सीलेंस ने वर्ष 2010-11, 2011-12, 2012-13 में एसटी एससी के छात्रों को परीक्षा में बैठे बिना छात्रवृत्ति की यह राशि ले ली थी। जिसे लेकर जांच दल गठित कर जांच कराई गई थी। जांच प्रतिवेदन में पाया गया था कि इन वर्षों में जितने छात्रों के लिए छात्रवृत्ति ली गई उसके विरुद्ध परीक्षा में बैठने वाले छात्रों का प्रतिशत अत्यंत कम पाया गया है।
कॉलेजों में इस तरह चलता है हेरफेर का खेल
पैरामेडिकल कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के नाम पर लंबे समय से हेरफेर चल रहा है। कॉलेज में पहले अपने परिचितों के नाम से प्रवेश दर्ज कर लिया जाता है। ये सिर्फ प्रवेश तक सीमित रहता है। इनकी पढ़ाई नहीं कराई जाती है। बाद में इनकी छात्रवृत्ति कॉलेज प्रबंधन ले लेता है। पूर्व में उमरिया में भी इस तरह के मामले सामने आए थे। इसी तरह शहडोल में निजी अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई में टीम के हाथ दस्तावेज लगे थे। यहां छत्तीसगढ़ तक के छात्रों का प्रवेश बताकर छात्रवृत्ति ले रहे थे।