शाहडोल

सुरक्षा के नाम पर स्कूल प्रबंधन और पुलिस दौड़ा रहे कागजी घोड़े

जानिये मैदानी हकीकत…

शाहडोलNov 09, 2017 / 01:17 pm

Shahdol online

School Management and Police Running horse in the Name of Security

25 फीसदी में नहीं हैं सुरक्षा गार्ड, 70 फीसदी स्कूलों ने नहीं कराया वेरिफिकेशन…
शहडोल- शहर में संचालित स्कूल प्रबंधन और प्रशासन के एजेंडे में बच्चों की सुरक्षा नहीं है। अधिकांश स्कूल प्रबंधन सुरक्षा को लेकर गैर जिम्मेदार हैं। कहीं पर सीसीटीवी कैमरा नहीं है तो किसी स्कूल ने स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन ही नहीं कराया है। इस बात का खुलासा पुलिस की रिपोर्ट में हुआ है। पुलिस के एनालिसिस के बाद पत्रिका ने भी स्कूलों का सर्वे कराया, जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पुलिस के निर्देश और पत्राचार के बाद भी स्कूल प्रबंधन गंभीरता नहीं बरत रहे हैं। स्थिति यह है स्कूल प्रबंधन थाना और पुलिस के अफसरों तक जानकारी भेजने में कतरा रहे हैं। सुरक्षा के नाम पर स्कूल प्रबंधन और पुलिस सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ा रही है लेकिन मैदानी हकीकत एकदम विपरीत है।
पुलिस के आला अफसर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। स्कूल प्रबंधकों की अनदेखी और लापरवाही बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं। दिल्ली स्कूल में वारदात के बाद पुलिस ने जिलेभर के कई स्कूल प्रबंधकों की बैठक ली थी। इसमें जब एनालिसिस किया था तो ९० फीसदी स्कूल सुरक्षा को लेकर गैर जिम्मेदार मिले थे। यहां न वेरिफिकेशन था और न ही सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था थी। पुलिस अफसरों के अनुसार अब तक ७० प्रतिशत स्कूल प्रबंधकों ने वेरिफिकेशन नहीं कराया है। इसमें स्टाफ के अलावा बच्चों को लाने ले जाने के लिए बसों में मौजूद ड्राइवर और सहायक शामिल हैं। अब तक स्कूल प्रबंधकों ने संबंधित थानों को जानकारी ही नहीं भेजी है। सुरक्षा से जुड़े कई बिंदुओं को स्कूल प्रबंधन द्वारा पूरा करना था लेकिन स्कूलों में व्यवस्थाओं पर जोर नहीं दिया गया है। उधर पुलिस भी वेरिफिकेशन को लेकर कोई प्रभावी कदम नहीं उठा रही है।
बैठक में नियम निर्देश फिर खुद भूले अफसर
लगभग एक माह पहले पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने महत्वपूर्ण स्कूल प्रबंधकों की बैठक ली थी। बैठक में दो टूक निर्देशित किया था कि जिन स्कूलों में सुरक्षा को लेकर खामियां होंगी, उनकी मान्यता खत्म की जाएगी। बैठक के बाद अफसर उसे लागू कराना भूल गए। अब तक नोडल ऑफिसर तक स्कूलों की अपडेट व्यवस्थाओं की जानकारी नहीं आई।
बड़ी लापरवाही उजागर: शराबी स्कूली बस चालक का नहीं कराया था वैरिफिकेशन
मंगलवार को शहर की सड़कों में शराब के नशे में स्कूली बच्चों को बैठाकर फर्राटा भरने वाले चालक का वैरिफिकेशन ही पुलिस में नहीं था। मामले में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चालक का कोई वैरिफिकेशन न ही संबंधित थाने में था और न ही आला अधिकारियों को जानकारी थी। आश्चर्य की बात तो यह है कि बड़ी स्कूल होने के बाद भी बिना वैरिफिकेशन के कैसे नियुक्त कर लिया था। इतना ही नहीं चालक मंगलवार को जब बस लेकर बच्चों को लेने जा रहा था तो स्कूल प्रबंधन को भनक क्यो नहीं लगी। बस में मौजूद बच्चों ने बताया था कि चालक पूर्व में भी कई बाद ऐसी हरकत कर चुका था। इसके बाद भी स्कूल प्रबंधन इस बात को गंभीरता से क्यों नहीं लिया था। गौरतलब है कि मंगलवार की सुबह सरस्वती स्कूल के बस चालक ने शराब के नशे में कई राहगीरों को टक्कर मारते हुए भाग रहा था तभी राहगीरों ने पकड़कर घुनाई कर दी थी।
स्कूलों में इन बिंदुओं को कराना था पूरा
स्कूल में मौजूद शिक्षक शिक्षकाओं के अलावा समस्त स्टॉफ (बस चालक, सुरक्षागार्ड और अन्य गैर शिक्षकीय स्टॉफ भी शामिल) का पुलिस वैरिफिकेशन।
बसों में महिला स्टॉफ के अलावा सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य होना चाहिए।
अभिभावक, स्कूल प्रबंधन और छात्र समिति की बैठक और कमेटी तैयार करना।
छात्राओं की शिकायतों के लिए अलग समिति के अलावा स्कूलों में शिकायत पेटी।
यौन उत्पीडऩ पर एक आंतरिक समिति और पोक्सो कानून के तहत समिति।
वर्तमान में यह हैं स्कूलों के हालात
जिले के 70 फीसदी स्कूलों ने पुलिस के समक्ष वैरिफिकेशन नहीं कराया है।
25 फीसदी स्कूलों के गेट और भीतर सुरक्षाकर्मी की व्यवस्था नहीं है।
10 फीसदी से ज्यादा स्कूलों में सीसीटीवी कैमरा नहीं है।
5 फीसदी स्कूलों में कैमरा होने पर भी खराब होने से फुटेज ही नहीं आ रहे हैं।
60 फीसदी स्कूलों में पालक और शिक्षकों की कमेटी नहीं बनाई गई है।
20 फीसदी स्कूली वाहनों के पीछे पुलिस और स्कूल प्रबंधन का नंबर ही नहीं है।
– यातायात डीएसपी विलास बाघमारे ने कहा बैठक में स्कूल प्रबंधकों को कर्मचारियों का वैरिफिकेशन कराने के निर्देश दिए थे। पूर्व में एनालिसस में 80 फीसदी से अधिक स्कूलों ने वैरिफिकेशन नहीं कराया था। पत्राचार के बाद भी अब तक मेरे पास कर्मचारियों का वैरिफिकेशन सहित सुरक्षा से जुड़े कई बिंदुओं को पूरा करने की रिपोर्ट नहीं आई है। लगभग 70 फीसदी स्कूलों वैरिफिकेशन नहीं कराया है, हम दोबारा पत्राचार करेंगे। इसके अलावा स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
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