script

रेलवे कर्मचारियों को बिजली के बोर्ड मारते हैं झटके

locationशाहडोलPublished: Jan 17, 2020 09:04:06 pm

Submitted by:

brijesh sirmour

जर्जर क्वार्टरों मेंं रहने को विवश है रेलवे कर्मचारी, कर्मचारियों द्वारा शिकायत करने के छह महीने बाद भी नहीं की गई कोई कार्रवाई

रेलवे कर्मचारियों को बिजली के बोर्ड मारते हैं झटके

रेलवे कर्मचारियों को बिजली के बोर्ड मारते हैं झटके

शहडोल. संभागीय मुख्यालय के रेलवे कॉलोनी में इन दिनों रेलवे कर्मचारी जर्जर क्वार्टर में रहने को विवश हैं। हालात इतने ज्यादा बद्तर है, दीवारों पर बाथरूम व बारिश के पानी से सीलन बनी रहती है। जिससे बिजली के बोर्ड से दीवारों पर करंट फैलता है और कर्मचारियों को बोर्ड झटका मारते हैं। कॉलोनी की अधिकांश नालियां जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हैं और कचरा का नियमित उठाव नहीं होने से कॉलोनी के चहुंओर गंदगी बजबजा रही है। कॉलोनी व क्वार्टरों की दशा सुधारने के लिए जब रेलवे कर्मचारी संबंधित विभाग को अपनी गुहार लगाता है, तब उसकी गुहार को अनसुना कर दिया जाता है। गौरतलब है कि संभागीय मुख्यालय के बेहतर रख रखाव के लिए प्रतिवर्ष करोड़ों रुपयों का बजट आता है, मगर उसे कहां खर्च किया जाता हैï? यह अब जांच का विषय बन गया है। हालांकि इस संबंध में रेलवे के जिम्मेदारों का यही कहना है कि क्वार्टरों के मरम्मतीकरण का कार्य शीघ्र ही शुरू किया जाएगा।
फैक्ट फाइल
कॉलोनी में आवासीय क्वार्टर ५५० से उपर
शहडोल में रेलवे कर्मचारी १५०० से उपर
अनुपयोगी घोषित रेलवे क्वार्टर ४५० से उपर
छह महीने पहले की थी शिकायत
बालाजी मंदिर के पास रेलवे क्र्वाटर नम्बर ३७५/४ में निवासरत रेल कर्मचारी सालिगराम यादव ने बताया कि उन्होने छह महीनेे पहले ३० जुलाई १९ को कनिष्ट अभियंता(कार्य) से लिखित शिकायत की थी कि उनके क्वार्टर के बाथरूम व टॉयलेट में फस्ट फ्लोर के बाथरूम व टॉयलेट का पानी टपकता है। जिससे उनके क्वार्टर की दीवारें हमेशा गीली रहती है और बिजली में शार्ट सर्किट होता है। साथ ही बदबू की वजह से परिजनों की तबियत भी खराब होती रहती है। इस गंभीर समस्या पर आज तक ध्यान नहीं दिया गया।
क्वार्टरों में घुसता है नाली का पानी
किरन टॉकीज के सामने रेलवे क्वार्टर नम्बर १७७/१ में निवासरत कल्लू चौहान ने बताया कि कैथोलिक चर्च के पास से किरन टॉकीज के पास अंबेडकर कॉलोनी तक नाली का निर्माण किया जाना था, मगर आज तक नाली का निर्माण नहीं किया गया है और पुरानी नाली जगह-जगह डेमेज हो चुकी है। जिससे बारिश के दौरान नाली का पानी लोगों के क्वार्टरों में घुसता है। इसके अलावा यहां के अधिकांश क्वार्टरों के सैप्टिक टैंक भी डेमेज हो चुके है। जो लोगों की परेशानी का सबब बने हुए हैं।
कचरों का नहीं होता नियमित उठाव
अम्बेडकर कॉलोनी के पास रेलवे क्वार्टर में निवासरत दौलत कुमार ने बताया कि कॉलोनी से कचरे का नियमित उठाव नहीं हो रहा है। जिससे कॉलोनी के चहुंओर गंदगी बजबजा रही है। कॉलोनी के कई अनुपयोगी क्वार्टरों को ध्वस्त करने के बाद मलवे की सफाई भी नहीं की गई है। जिससे वहां भी गंदगी बनी रहती है और जहरीले कीड़ों का खतरा बना रहता है। साथ ही असमाजिक तत्वों को डेरा भी जमा रहा है। इस कॉलोनी में पुलिस की गश्त नहीं होने से भविष्य में कोई अप्रिय घटना भी हो सकती है।
इनका कहना है
हमारी जिम्मेदारी क्वार्टरों के रखरखाव करने की है। जिनके क्वार्टरों में मरम्मत की कोई दिक्कत हैं, वह मेरे से ऑफिस में आकर मिल सकता है। मैं उसकी समस्या का समाधान करूंगा।
विजय कुमार असाटी, सहायक मंडल अभियंता, रेलवे, शहडोल

ट्रेंडिंग वीडियो