शाहडोल

ट्रेनों के रद्द रहने का बहनों को भुगतना पड़ा खामियाजा

सुबह से शाम तक कटनी की ओर जाने के लिए नहीं थी कोई ट्रेन

शाहडोलAug 14, 2019 / 08:57 pm

brijesh sirmour

Sisters suffered due to cancellation of trains

शहडोल. संभागीय मुख्यालय में प्रमुख त्यौहार रक्षाबंधन व स्वाधीनता दिवस के एक दिन पूर्व बुधवार को रेल प्रशासन की मनमानियों का खामियाजा सफर करने वाली बहनों को भुगतना पड़ा। इस दिन तीन ट्रेनों के रद्द रहने से बहनों को अपने भाइयों के घर जाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस दौरान अधिकांश बहनें रेल प्रशासन को जमकर कोसते हुए भी नजर आई। बुधवार को सुबह छह बजे से लेकर शाम चार बजे तक कटनी की ओर जाने के लिए कोई ट्रेन नहीं थी। नतीजतन चार बजे बिलासपुर-इंदौर नर्मदा एक्सप्रेस में यात्रियों की ठसाठस भीड़ रही। प्लेटफार्म नम्बर एक दो व तीन में भी खचाखच यात्री भरे रहे। साथ ही ज्यादा भीड़ की वजह से फुट ओवर ब्रिज में कांपने लगा था। रद्द रहने वाली ट्रेनों में चिरमिरी-कटनी मुडवारा शटल, अंबिकापुर-जबलपुर और अंबिकापुर-शहडोल टे्रन है। जबकि बिलासपुर-कटनी मेमू और चिरमिरी-चंदिया पेसेन्जर ट्रेन को शहडोल में रोका गया। रेलवे स्टेशन में दोपहर बारह बजे से लेकर शाम पांच बजे तक यात्रियों की बहुत भीड़ देखी गई। इसके अलावा तीन ट्रेेनें भी काफी देरी से आई।
सभी बोगियों में रहा यात्रियों का कब्जा
शहडोल से गुजरने वाली सभी ट्रेनों की लगभग सभी बोगियों में यात्रियों का कब्जा रहा। रिजर्व बोगियों की हालत यह रही कि रिजर्वेशन वाले यात्री अपनी बर्थ तक नहीं पहुंच पा रहे थे और टीटीई के दल टिकट चेकिंग भी नहीं कर पा रहा था। भीड़ की वजह से टीटीई भी यात्रा के नियमों को शिथिल रखा, ताकि बहनों के अपने भाइयों के घर पहुंचने में ज्यादा दिक्कत न हो।
बसों में भी दिखी यात्रियों की भीड़
संभागीय मुख्यालय से रीवा, कटनी और अनूपपुर, अमरकंटक की ओर जाने वाली बसों में यात्रियों की काफी भीड़ देखी गई। भीड़ में अधिकांश महिला यात्री अपने-अपने भाईयो के घर जाने वाली रहीं। इसके अलावा कई भाई अपनी बहनों को ससुराल से मायके ले जा रहे थे। बसों में यात्रा के लिए सबसे ज्यादा परेशानी उन महिलाओं को हुई, जिनकी गोद में छोटे बच्चे थे।

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