26 के बाद आना था वाहन, 5 टन मांगा ऑक्सीजन
मेडिकल कॉलेज में बिगड़ती स्थिति तो देखते हुए प्रबंधन ने 5 टन ऑक्सीजन की तत्काल मांग की। प्रशासनिक स्तर पर भी प्रयास किए गए। पहले 26 अप्रेल के बाद ऑक्सीजन वाहन आना था लेकिन अधिकारियों के लगातार प्रयास के बाद 5 टन ऑक्सीजन भेजा जा रहा है। 5 टन ऑक्सीजन शनिवार की रात तक पहुंचने की संभावना थी। इससे अस्पताल में भर्र्ती मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई की जाएगी।
बढ़ा लोड: 355 मरीज भर्ती, लगाया बोर्ड, नए के लिए जगह नहीं
मेडिकल कॉलेज में शनिवार को लगातार कोरोना संक्रमित मरीज पहुंच रहे थे। यहां पर 355 मरीज भर्ती हो चुके थे। लगातार नए मरीजों की भर्ती के बाद प्रबंधन ने बोर्ड लगाया दिया। कोविड वार्ड के बाहर लगाए बोर्ड में साफ लिखा था कि अस्पताल में बिस्तर पूरी तरह फुल हो चुके हैं। यहां पर नए मरीजों की भर्ती के लिए जगह नहीं है। हालांकि मामले को अधिकारियों ने संज्ञान में लिया और बोर्ड हटवाया।
एलएमओ प्लांट पहुंचे कलेक्टर, बैकअप में रखें सिलेंडर
कलेक्टर डॉ सतेन्द्र सिंह ने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर जायजा लिया। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि, मरीज को तत्काल भर्ती कराया जाए साथ ही व्हील चेयर की व्यवस्था इस प्रकार सुनिश्चित की जाए कि, मरीज को चलना न पड़े। कलेक्टर ने कहा कि, कोविड मरीज के भर्ती मरीजो को बेहतर से बेहतर इलाज मिले। कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज एलएमओ प्लांट का अवलोकन किया। एलएमओ. में लिवक्ड आक्सीजन की जानकारी ली साथ ही मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध सिलेण्डरों की जानकारी ली। कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज अधीक्षक नागेन्द्र सिंह को निर्देशित किया कि, कम गंभीर मरीज जो ठीक-ठाक हालत में भर्ती हो उन्हें एक वार्ड अलग बनाकर आक्सीजन कंसंटेटर द्वारा आक्सीजन प्रदाय की जाए और हर वार्डों में 5 से 10 आक्सीजन भरे हुए वैकअप के लिए रखे जाए। कलेक्टर ने नगरपालिका अधिकारी को निर्देशित किया कि, 24 घंटे श्रमिको की टीम तैयार रखे जो आपातकालीन समय में सिलेण्डर की लोडिंग एवं अनलोडिंग कर सके। भ्रमण के दौरान कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज के विभिन्न कोविड वार्डाे का निरीक्षण किया एवं मरीजों की स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त की।
ये है ऑक्सीजन की स्थिति
कलेक्टर को अवगत कराया गया कि मेडिकल कॉलेज में 525 ऑक्सीजन सिलेंडर है। जिसमें 80 सिलेण्डर अभी भरे हुए थे। रिक्त सिलेण्डरो को भरा जा रहा था। कलेक्टर ने कहा कि, एलएमओ में प्रेशर के चलते 200 आक्सीजन सिलेण्डर का बैकअप रखें, जो इमरजेंसी में काम आएंगे।