महाभारत काल के दौरान यह मंदिर स्थापित किया गया था
शिवमंदिर के पुजारी ने बताया कि , महाभारत काल के दौरान यह मंदिर स्थापित किया गया था। बाद मेंं यह मंदिर जीर्णशीर्ण हो गया था। बसंत पंचमी के अलावा महाशिवरात्रि के दौरान भव्य पूजा अर्चना होती है। आसपास के अलावा दूर दराज से भी लोग सकरा मंदिर दर्शन के लिए पहुंचते हैं। अब सकरा गांव की शिवमंदिर को लेकर एक अलग ही पहचान बन गई है।
जीर्णशीर्ण हो गया था मंदिर, टीेले में मिले थे शिव
मंदिर की पुजारी के अनुसार, मंदिर पांच हजार साल पुराना था। बाद में यह जीर्णशीर्ण हो गया था। लगभग सात दशक पहले यहां सड़क निर्माण का काम चल रहा था। टीला हटाते ही यहां मजदूरों ने शिवलिंग देखी थी। जिसके बाद ग्रामीणों को जानकारी दी गई और बाद में गांव में शिवमंदिर स्थापित किया गया।
एक्सपर्ट कहते हैं, हो सकता है बदलाव
एक्सपर्ट की मानें तो शिवलिंग के आकार में परिवर्तन भी संभव है। आंतरिक संसाधन के माध्यम से आकार और बढऩा संभव है। मंदिर के नीचे आंतरिक सोर्स हैं तो ये संभव है। किसी धातु और पत्थर में चंदन का लेप करने से रंग में बदलाव भी संभव है।