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पहले रीढ़ की हड्डी टूटी, इलाज के दौरान कोरोना ने घेरा, आईसीयू में रहकर कोरोना रहकर कोरोना को हराया

locationशाहडोलPublished: Sep 14, 2020 10:31:11 pm

Submitted by:

amaresh singh

बीपी और शुगर के चलते फेफड़ों तक पहुंच रहा था संक्रमण

Staying Corona by staying in ICU and defeating Corona

पहले रीढ़ की हड्डी टूटी, इलाज के दौरान कोरोना ने घेरा, आईसीयू में रहकर कोरोना रहकर कोरोना को हराया

शहडोल. पहले रीढ़ की हड्डी टूटी। इलाज कराने दूसरे जिले गए तो कोरोना ने घेर लिया। युवक का उठ बैठ पाना भी मुश्किल था। हालत बिगड़ी तो परिजन मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। यहां रीढ़ की हड्डी टूटी होने की स्थिति में इलाज करना मुश्किल था लेकिन प्रबंधन ने टीम तैयार की। एक तरह रीढ़ की हड्डी का इलाज चलता रहा तो दूसरी ओर कोरोना संक्रमण से बचाने का प्रयास चलता रहा। स बीच मरीज की हालत और बिगड़ गई लेकिन डॉक्टरों ने हार नहीं मानी। आइसीयू में रखकर इलाज किया। अंतत: मरीज एक माह में स्वस्थ हो गया। अब मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने उसे डिस्चार्ज किया है। दरअसल जयसिंहनगर निवासी 24 वर्षीय लाइनमैन को कोरोना संक्रमित होने के बाद आइसीयू में भर्ती किया गया था। लगातार हालत बिगड़ रही थी लेकिन डॉक्टरों ने लगातार मॉनिटरिंग और इलाज कर जान बचाई। सतना में पदस्थ लाइनमैन की 30 जुलाई को रीढ़ की हड्डी फ्रेक्चर हो गई थी। इसके बाद उसका इलाज बिलासपुर में इलाज हुआ। इसके बाद उसे 4 अगस्त को खांसी बुखार आया। युवक का सैंपल लेकर जांच किया तो 8 अगस्त को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव मिली।


परिजन कह रहे थे- बाहर ले जाएंगे फिर भी डॉक्टरों ने हार नहीं मानी, किया स्वस्थ
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के अनुसार, लाइनमैन और रीढ़ की हड्डी टूटने का पहला मामला था। इस पर डॉक्टरों ने उसे एक चैलेंज के रूप में लिया और उसका इलाज किया। परिजन यहां रखना नहीं चाह रहे थे। हालत भी बिगड़ रही थी। दूसरे अस्पताल या बाहर ले जाने से संक्रमण बढऩे का खतरा था। पूरे एक माह तक उसका इलाज चलता रहा और अंतत: पूरी तरह से स्वस्थ हो गया। अब मेडिकल कॉलेज से डिस्चार्ज किया गया है।


शुगर बीपी और फैक्चर के बाद फेफड़ों तक संक्रमण , टीम बनाई, शुरू किया इलाज
कोरोना संक्रमित होने के बाद युवक को 9 अगस्त को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। युवक को बीपी और शुगर की भी बीमारी थी। इससे इलाज के दौरान हालत और खराब हो गई। इसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती कराया गया। उसके परिजनों के साथ बिजली अधिकारी उसे जबलपुर ले जाना चाहते थे लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें समझाया। लाइनमैन से बिस्तर पर उठते बैठते भी नहीं बन रहा था।

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