पत्थरों की चुनौती
कंपनी के इंजीनियर्स के अनुसार कई जगहों में पांच आठ और दस फिट चौड़ाई का गढ्डा खोदना है। खुदाई के वक्त काफी चौड़ाई की पत्थर की चट्टान निकल आती है। चट्टान को निकालते वक्त और अधिक चौड़ाई में गढ्डा हो जाता है। इससे स्ट्रेक्चर के अनुरुप फिर से गढ्डे को भरना पड़ता है। इस स्थिति में काफी समय लगता है।
कंपनी के इंजीनियर्स के अनुसार कई जगहों में पांच आठ और दस फिट चौड़ाई का गढ्डा खोदना है। खुदाई के वक्त काफी चौड़ाई की पत्थर की चट्टान निकल आती है। चट्टान को निकालते वक्त और अधिक चौड़ाई में गढ्डा हो जाता है। इससे स्ट्रेक्चर के अनुरुप फिर से गढ्डे को भरना पड़ता है। इस स्थिति में काफी समय लगता है।
2019 तक तैयार करनी हैं बिल्डिंग
हाल ही में पंडित शंभूनाथ कॉलेज यूनिवर्सिटी में अपग्रेड होने के चलते निर्माण कार्य की रफतार बढ़ाई गई है।शहडोल से सटे नवलपुर गांव में पंडित शंभूनाथ शुक्ल यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग बनाई जा रही है। नई
बिल्डिंग तैयार होते ही यहां पर कक्षाओं को संचालित किया जाएगा। इसके लिए 2019 तक निर्माण एजेंसी को यूनिवर्सिटी बिल्डिंग का काम पूरा करके देना होगा।
हाल ही में पंडित शंभूनाथ कॉलेज यूनिवर्सिटी में अपग्रेड होने के चलते निर्माण कार्य की रफतार बढ़ाई गई है।शहडोल से सटे नवलपुर गांव में पंडित शंभूनाथ शुक्ल यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग बनाई जा रही है। नई
बिल्डिंग तैयार होते ही यहां पर कक्षाओं को संचालित किया जाएगा। इसके लिए 2019 तक निर्माण एजेंसी को यूनिवर्सिटी बिल्डिंग का काम पूरा करके देना होगा।