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यूनिवर्सिटी निर्माण में पत्थर का चैलेंज

locationशाहडोलPublished: Sep 17, 2017 04:31:35 pm

Submitted by:

Shahdol online

धीमी हुई यूनिवर्सिटी भवन निर्माण की रफ्तार

Stone Challenge in the Construction of the University

Stone Challenge in the Construction of the University

शहडोल- यूनिवर्सिटी के भवन निर्माण कार्य में इंजीनियर्स को नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा है । और ये चुनौती मिल रही है खुदाई के दौरान मिलने वाली पत्थरों से । मुख्यालय से सटे नवलपुर गांव में तैयार हो रही यूनिवर्सिटी बिल्डिंग की रफ्तार पथरीली जमीन की वजह से धीमी हो गई है। यूनिवर्सिटी की जमीन पर हर पांच से दस फिट की खुदाई पर पत्थरों की चट्टानें मिल रही हैं। इसके चलते बिल्डिंग के निर्माण कार्य पर भी असर पड़ रहा है। इंजीनियर्स की मानें तो हर जगह पर मिल रहे पत्थरों के चलते स्ट्रेक्चर भी बिगड़ रहा है। हालांकि अभी लगभग 30 फीसदी यूनिवर्सिटी का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। निर्माण कंपनी के अधिकारियों के अनुसार कई इंजीनियरों ने भी हाथ खड़े कर दिए थे।
पथरीली जमीन होने के चलते कंपनी के इंजीनियर्स को काफी दिक्कतें आ रही हैं। हालांकि एडमिन के अलावा एकेडमिक और हॉस्टल बिल्डिंग का काम लगभग पूरा हो चुका है। पहले चरण में इन्ही तीन बिल्डिंग्स के साथ छोटे निर्माण कार्यो को शामिल किया गया था। पहला चरण पूरा होने के बाद लाइब्रेरी और अन्य बिल्डिंग पर काम होगा।
पत्थरों की चुनौती
कंपनी के इंजीनियर्स के अनुसार कई जगहों में पांच आठ और दस फिट चौड़ाई का गढ्डा खोदना है। खुदाई के वक्त काफी चौड़ाई की पत्थर की चट्टान निकल आती है। चट्टान को निकालते वक्त और अधिक चौड़ाई में गढ्डा हो जाता है। इससे स्ट्रेक्चर के अनुरुप फिर से गढ्डे को भरना पड़ता है। इस स्थिति में काफी समय लगता है।
2019 तक तैयार करनी हैं बिल्डिंग
हाल ही में पंडित शंभूनाथ कॉलेज यूनिवर्सिटी में अपग्रेड होने के चलते निर्माण कार्य की रफतार बढ़ाई गई है।शहडोल से सटे नवलपुर गांव में पंडित शंभूनाथ शुक्ल यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग बनाई जा रही है। नई
बिल्डिंग तैयार होते ही यहां पर कक्षाओं को संचालित किया जाएगा। इसके लिए 2019 तक निर्माण एजेंसी को यूनिवर्सिटी बिल्डिंग का काम पूरा करके देना होगा।

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