शहर के खेतानों का मोहल्ला स्थित वीर विचित्र बालाजी मंदिर में दुर्गा पूजा महोत्सव में पूजा तथा प्रसाद चढ़ाने की इसकी शुरुआत एक व्यक्ति ने की थी लेकिन अब तो यह परम्परा बन गई है। यहां पर सुबह की पूजा में प्रसाद चढ़ाने की पूरी जिम्मेदारी मुस्लिम बंधुओं की है। इस नवरात्रा में महोत्सव के दौरान कौन मुस्लिम बंधु किसी दिन प्रसाद चढ़ाएगा, इसकी जिम्मेदारी पहले से ही तय हो गई है।
यूं हुई शुरूआत
करीब पांच वर्ष पूर्व पूजा महोत्सव के दौरान प्रसाद वितरण की चर्चा की जा रही थी। इस दौरान मोहन मिश्रा, अनिश पुरोहित, रविगोपाल खेतान आदि बैठे थे। उस दौरान प्रसाद कम होने की बात कर चर्चा कर रहे थे कि आज का प्रसाद कौन चढ़ाएगा। पास में ही रफीक सब्जी फरोश भी बैठे उनकी बातों को ध्यान से सुन रहे थे। उन्होंने इस बात को गंभीरता से लेते हुए कहा कि मां अंबे के प्रसाद में कमी नहीं आएगी और वे इस बार प्रसाद चढ़ाएंगे। साथ ही उन्होंने और मुस्लिम लोगों से सहयोग दिलाने का भरोसा दिलवाया।
करीब पांच वर्ष पूर्व पूजा महोत्सव के दौरान प्रसाद वितरण की चर्चा की जा रही थी। इस दौरान मोहन मिश्रा, अनिश पुरोहित, रविगोपाल खेतान आदि बैठे थे। उस दौरान प्रसाद कम होने की बात कर चर्चा कर रहे थे कि आज का प्रसाद कौन चढ़ाएगा। पास में ही रफीक सब्जी फरोश भी बैठे उनकी बातों को ध्यान से सुन रहे थे। उन्होंने इस बात को गंभीरता से लेते हुए कहा कि मां अंबे के प्रसाद में कमी नहीं आएगी और वे इस बार प्रसाद चढ़ाएंगे। साथ ही उन्होंने और मुस्लिम लोगों से सहयोग दिलाने का भरोसा दिलवाया।
इसके बाद तो प्रसाद चढ़ाने का सिलसिला अनवरत चल रहा है। पहले नवरात्र में पांच-छह दिन मुस्लिम समुदाय के लोग प्रसाद चढ़ाते थे। इस बार पूरे नवरात्र में 10 दिन उनकी ओर से ही प्रसाद चढ़ाकर उसका वितरण किया जा रहा है।
मोहल्ले में नहीं एक भी मुस्लिम
खेतानों का मोहल्ले में एक भी मुस्लिम नहीं है। दुर्गा महोत्सव में माता का प्रसाद चढ़ाने वाले सभी मुस्लिम अन्य मोहल्लों में रहने वाले हैं। वे हर शारदीय नवरात्र में मां अंबे के प्रसाद चढ़ाकर उसका वितरण करते हैं।
खेतानों का मोहल्ले में एक भी मुस्लिम नहीं है। दुर्गा महोत्सव में माता का प्रसाद चढ़ाने वाले सभी मुस्लिम अन्य मोहल्लों में रहने वाले हैं। वे हर शारदीय नवरात्र में मां अंबे के प्रसाद चढ़ाकर उसका वितरण करते हैं।
विर्सजन तक सहयोग
मुस्लिम समुदाय के लोगों का दुर्गा महोत्सव में शुरू से सहयोग रहता है। मां दुर्गा की मूर्ति महोत्सव स्थल तक लाने से लेकर महोत्सव के समापन पर मूर्ति विसर्जन में उनका पूरा सहयोग रहता है।
मुस्लिम समुदाय के लोगों का दुर्गा महोत्सव में शुरू से सहयोग रहता है। मां दुर्गा की मूर्ति महोत्सव स्थल तक लाने से लेकर महोत्सव के समापन पर मूर्ति विसर्जन में उनका पूरा सहयोग रहता है।