scriptअनुभव नहीं था, फिर भी रखी हिम्मत, मरीजों की बचाई जिंदगी | Teenager and youth were the first to be corona infected | Patrika News

अनुभव नहीं था, फिर भी रखी हिम्मत, मरीजों की बचाई जिंदगी

locationशाहडोलPublished: Jan 17, 2021 12:01:05 pm

Submitted by:

amaresh singh

किशोरी और युवक हुए थे सबसे पहले कोरोना संक्रमित

Teenager and youth were the first to be corona infected

अनुभव नहीं था, फिर भी रखी हिम्मत, मरीजों की बचाई जिंदगी,अनुभव नहीं था, फिर भी रखी हिम्मत, मरीजों की बचाई जिंदगी,अनुभव नहीं था, फिर भी रखी हिम्मत, मरीजों की बचाई जिंदगी

शहडोल. जिले में कोरोना का पहला मामला 27 अप्रैल को सामने आया था। इस दिन एक किशोरी और एक युवक कोरोना पॉजिटिव मिले थे। इसके बाद दोनों को मेडिकल कॉलेज में 27 अप्रैल को भर्ती कराया गया था। किशोरी मोनिका बैगा 15 वर्ष निवासी लेदरा तहसील गोहपारू तथा युवक भरत सिंह निवासी हथगला की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। दोनों की कोरोना की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दोनों को मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती कराया था। दोनों इलाज के बाद स्वस्थ हो गए। इस पर दोनों को 11 मई को डिस्चार्ज कर दिया गया। दोनों कोरोना मरीजों का इलाज मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर रूपेश गुप्ता ने किया था।


अपने तक छूने से डरते थे, निभाया फर्ज
कोरोना संक्रमण की वजह से कॉल की गाल में समाने वाले मरीजों के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी की व्यवस्था नगर पालिका को सौंपी गई थी। नपा कर्मचारी दुर्गेश गुप्ता को प्रभारी बनाया गया। दुर्गेश ने बताया कि 9 मई को पहले कोरोना पेसेन्ट की मौत हुई थी। जिसके अंतिम संस्कार के बीच लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। वहीं जिस टीम को इस काम के लिए लगाया गया था उनके परिजन काफी डरे सहमे हुए थे। टीम के सभी सदस्यों को रैन बसेरा में रहना पड़ा था। कई दिनो तक ऐसा ही चलता रहा। बाद में धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हुई और आवश्यक निर्देशों का पालन करते हुए टीम घर के सदस्यों के साथ रहने लगी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो