अपने तक छूने से डरते थे, निभाया फर्ज
कोरोना संक्रमण की वजह से कॉल की गाल में समाने वाले मरीजों के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी की व्यवस्था नगर पालिका को सौंपी गई थी। नपा कर्मचारी दुर्गेश गुप्ता को प्रभारी बनाया गया। दुर्गेश ने बताया कि 9 मई को पहले कोरोना पेसेन्ट की मौत हुई थी। जिसके अंतिम संस्कार के बीच लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। वहीं जिस टीम को इस काम के लिए लगाया गया था उनके परिजन काफी डरे सहमे हुए थे। टीम के सभी सदस्यों को रैन बसेरा में रहना पड़ा था। कई दिनो तक ऐसा ही चलता रहा। बाद में धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हुई और आवश्यक निर्देशों का पालन करते हुए टीम घर के सदस्यों के साथ रहने लगी।