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लॉकडाउन में फंसे विदेशी चैंपियन की व्यथा, कोई बड़ी डिमांड नहीं थी, सिर्फ दो कमरे मांगा था, वह भी नहीं मिले

locationशाहडोलPublished: Apr 03, 2020 12:20:24 pm

Submitted by:

Ramashankar mishra

दो दिन से छात्रावास में कर रहे गुजारा, न खाना खा पाते हैं न बाहर से फल ला पा रहे

लॉकडाउन में फंसे विदेशी चैंपियन की व्यथा, कोई बड़ी डिमांड नहीं थी, सिर्फ दो कमरे मांगा था, वह भी नहीं मिले

लॉकडाउन में फंसे विदेशी चैंपियन की व्यथा, कोई बड़ी डिमांड नहीं थी, सिर्फ दो कमरे मांगा था, वह भी नहीं मिले

शहडोल. हमारी कोई बड़ी डिमांड नहीं थी। सिर्फ दो कमरे मांगा था लेकिन यहां अफसरों ने राहगीरों के साथ सामूहिक रहने की व्यवस्था कर दी। दो दिन तक पानी नहीं आया। दूतावास में जानकारी देने के बाद सफाई हुई, पानी आया। पानी भी इतना गंदा कि उसे पीते ही पत्प्तनी बीमार हो गई। अधिकारी भी गंभीर नहीं है। यहां पर्यटन और संस्कृति समझने आया था। पता नहीं था यहां ऐसा व्यवहार होता है। ये कहानी लॉकडाउन के बाद शहडोल में फंसे मैक्सिको से पहुंचे विदेशी दंपति की है। यहां न तो उनके रहने की समुचित व्यवस्था है और न ही खाने पीने के लिए कोई समुचित साधन। ऐसे में उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। बहरहाल उन्हे छात्रावास में रखा गया है। जहां कोई भी समुचित व्यवस्था नहीं कराई गई है। दोनों में काफी नाराजगी भी है।
दो बार डॉ. जांच कर चुके हैं
मैक्सिकों से दिल्ली और फिर दिल्ली से 22 मार्च को शहडोल पहुंचे पति पत्नी ने बताया कि वह यहां का पर्यटन व अन्य दर्शनीय स्थलों को देखने के उद्देश्य से आए हुए थे। उन्हे 25 मार्च को बैंगलोर जाना था इस बीच वह लॉकडाउन में फंस गए। उन्हे दो दिन से छात्रावास में रखा गया है। जहां किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है। खाने के लिए न तो अच्छा खाना मिल रहा और न ही पीने के लिए साफ पानी। फल लेने के लिए बाहर जाते हैं तो लोग शक की निगाह से देखते हैं। जबकि उनका कई बार जिला चिकित्सालय में परीक्षण किया जा चुका है। रिपोर्ट भी निगेटिव आई है कि इसके बाद भी उन्हे यहां रखा गया है।
दूतावास को जानकारी, 24 घंटे का मांगा समय
प्रशासन की टीम ने प्रशासनिक अमले ने 24 घंटे के अंदर यथासंभव समुचित व्यवस्था करने का आश्वासन दिया। 24 घंटे के अंदर समुचित व्यवस्था करने आश्वस्त किया है। परेशानी के संबंध में उनके द्वारा दूतावास को सूचना दी गई है। जिस पर दूतावास द्वारा कहा गया है कि स्थानीय प्रशासन द्वारा उनकी समुचित व्यवस्था की जाएगी।
इनका कहना है
प्रशासन की टीम छात्रावास पहुंची हुई थी। जहां चर्चा कर अपने स्तर पर ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कहा गया है।
के के पाण्डेय, डिप्टी कलेक्टर शहडोल
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