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प्रायमरी स्कूलों के बच्चों को मात्र 4 रुपए तेरह पैसे कीमत का परोसा जा रहा एमडीएम , ३२ रुपए रोज में पक रहा खाना

locationशाहडोलPublished: Sep 21, 2018 09:30:00 pm

बच्चों के माध्यांह भोजन की कीमत समोसे से भी कम

 The children of primary schools are being offered only Rs. 4, thirteen rupees, MDM, 32 paisa per day.

प्रायमरी स्कूलों के बच्चों को मात्र 4 रुपए तेरह पैसे कीमत का परोसा जा रहा एमडीएम , ३२ रुपए रोज में पक रहा खाना

प्रायमरी स्कूलों के बच्चों को मात्र 4 रुपए तेरह पैसे कीमत का परोसा जा रहा एमडीएम , ३२ रुपए रोज में पक रहा खाना

शहडोल. सरकारी स्कूलों में वर्तमान में शिक्षण कार्य से अधिक चर्चा और शिकवा शिकायत एमडीएम की हो रही है। जबकि प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को परोसे जा रहे माध्यांह भोजन की कीमत मात्र 4 रुपए 13 पैसे है। एमडीएम की यह दर वर्षो से चली आ रही है। जिसमें स्कूली बच्चों को पौष्टिकता के साथ दोपहर का भोजन देने का दावा किया जाता है। लेकिन जमीनी सच्चाई सरकार के दावे के विपरीत है। दिन दूनी रात चौगनी की दर से बढ़ रही मंहगाई के दौर में एमडीएम की योजना ही स्कूलों में पटरी से उतरती जा रही है। हर जगह संतरी से लेकर मंत्री तक के वेतन भत्ते तो बढ़ रहे है, लेकिन एमडीएम की लागत में धेले तक की बढ़ोत्तरी नहीं हो सकी है। इस योजना के चलते स्कूल में शिक्षकों की कमी, शिक्षण कार्य की गुणवत्ता की मांग भी पीछे चली गई है। जिसका असर स्कूलों के शिक्षण कार्य पर पड़ रहा है।
जिले में करीबन 2000 से अधिक प्राथमिक और मिडिल स्कूल संचालित है। जिनमें वर्तमान में 15 हजार के करीब बच्चे अध्यनरत है। मिडल स्कूल के छात्रों के लिए माध्यांह भोजन की कीमत प्राथमिक स्कूलो के बच्चों से दो रुपए अधिक है। मिडिल के बच्चों को मिलने वाले एमडीएम की कीमत 6 रुपए 18 पैसे निर्धारित है। इनके राशन का वजन भी१५० गाम है। इसमे भी मीनू के आधार पर खाना न दिए जाने की शिकायत आम है। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है स्कूलों में वितरित किए जा रहे माध्यांह भोजन में कितनी पौष्टिकता होगी।
स्कूलों में माध्यांह भोजन की सप्लाई के लिए गांव गांव में समूह गठित किए गए है। जिनमें अधिकांश आरोप-प्रत्यारोप से घिरे हुए है। इसके साथ ही खाना बनाने के लिए प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में तीन हजार से अधिक रसोइयों की नियुक्ति है। जो स्कूलो की साफ-सफाई से लेकर भोजन पकाने और परोसने का काम करती है। जिसकी मेहनत की कीमत महीने में इनको मात्र एक हजार रुपए मिल रहे है। जो एक दिन का मेहनताना मात्र 32 रुपए बैठता है। इसके लिए रसोइयां जिला प्रशासन से सीएम तक से फरियाद कर चुकी है। लेकिन अब तक केाई सुनवाई नहीं हुई है। एमडीएम योजना को साकार करने वाले रसोइयां शासन से निर्धारित मजदूरी का दसवां हिस्सा भी नहीं पा रहे है।
एमडीएम के बोलते आंकड़े
प्राथमिक स्कूल मिडिल स्कूल
स्कूल संख्या 1630 494
छात्र संख्या ७८१२० ५२४०३
रसोईया २८९६ १०९८
राशन का वजन १०० ग्राम १५० ग्राम
कुल समूह ९७९
रसोई में सलेंडर ६२०

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