scriptबहन को बनाना चाहता था आईपीएस, लेकिन एक घटना से सबकुछ बिखर गया | The IPS wanted to make sister but everything was split from incident | Patrika News

बहन को बनाना चाहता था आईपीएस, लेकिन एक घटना से सबकुछ बिखर गया

locationशाहडोलPublished: Nov 10, 2017 12:49:22 pm

Submitted by:

Shahdol online

टैलेंट को देखकर सरकार ने भी दिया था हर संभव मदद का आश्वासन

The IPS wanted to make sister but everything was split from an incident

The IPS wanted to make sister but everything was split from an incident

अब न तो शासन प्रशासन को चिंता और न ही जनप्रतिनिधियों ने ली सुध
सड़क हादसे में गंवाई थी इंजीनियरिंग छात्र ने अपनी जान

शहडोल- पाण्डवनगर रोड में 17 सितम्बर को हुए सड़क हादसे में देवरा रोड जयसिंहनगर वार्ड क्रमांक 10 निवासी आदर्श तिवारी पिता गोविंद नारायण तिवारी की मौत हो गई थी। इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे आदर्श की मौत ने उसके पूरे परिवार को बिखेर कर रख दिया है। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होन के बाद भी अपनी प्रतिभा के दम पर अलग पहचान बनाने वाले आदर्श का सपना था कि वह कलेक्टर बने और अपनी छोटी बहन को पुलिस अधिकारी बनाए। लेकिन आदर्श की मौत के साथ ही उसके सपने और उसका पूरा परिवार बिखर चुका है। आदर्श की प्रतिभा को देखते हुए सरकार ने इसे कई सपने दिखाये थे लेकिन उसकी मौत होने के बाद न तो शासन से कोई मदद मिली और न ही जिले के किसी जन प्रतिनिधि ने ही उसके परिवार की सुध ली। आदर्श की बहन आस्था तिवारी का कहना है कि वह अपने भाई के सपने को जरूर साकार करेगी।
सुपर 100 में था शामिल
बचपन से ही शिक्षा के प्रति विशेष रुझान रखने वाले आदर्श तिवारी के सपने बहुत ऊंचे थे। जिसे पूरा करने के लिये वह कड़ी मेहनत भी कर रहा था। जिसका आंकलन उसकी उपलब्धियों से बखूबी किया जा सकता है। कक्षा 10 वीं व 12 वीं में जहां उसने प्रदेश स्तर की प्रवीण्य सूची में अपना नाम दर्ज कराया था वहीं इंजीनियरिंग में प्रदेश में सुपर 100 की सूची में शामिल था। उसकी इस उपलब्धि पर सरकार सेे उसे पढ़ाई के साथ ही अन्य व्यवस्थाओं के लिये मदद का आश्वासन मिला था।
कोई आगे नहीं आया
सड़क हादसे में आदर्श की मौत के साथ ही उसके माता पिता की उन उम्मीदों पर पानी फिर गया जिसके लिये वह दिन रात मेहनत करते थे। मां आंगनबाड़ी में व पिता छोटे-मोटे काम करके उसकी जरूरतों को पूरा करते थे। अब आदर्श की मौत ने उन्हे पूरी तरह से तोड़ दिया है और पूरा परिवार बिखर चुका है। उन्हे न तो कोई सरकारी मदद मिली और न ही जिले के किसी जन प्रतिनिधि ने ही उनकी सुध ली।
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