शाहडोलPublished: May 22, 2020 09:05:41 pm
brijesh sirmour
हरियाली को कर देता हे चौपट, शहडोल में भी पहुंच सकता है टिड्डी दल, किसानों को दी गई सतर्क रहने की सलाह
शाम को धावा बोलकर सुबह रवाना हो जाता है टिड्डी दल
शहडोल. टिड्डी दल ने मध्यप्रदेश के दस्तक दे दी है और जिले से महज साढ़े पांच सौ किलोमीटर की दूरी हरदा जिले तक टिड्डी दल पहुंच चुका है। टिड्डी दल से फसल को बचाने के लिए जिले के किसानों को जागरूक रहने व फसल की सतत निगरानी करने की जरूरत है। इस संबंध में कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मृगेन्द्र सिंह ने बताया है कि टिड्डी दल का आगमन शाम पांच बजे लगभग छह से आठ बजे तक होता है तथा सुबह साढ़े सात बजे तक दूसरे स्थानों के लिए प्रस्थान करने लगता है। इस बीच दल द्वारा खेतों में पांच सौ से हजार अंडे भी दिए जाते हैं। ऐसी स्थिति में टिड्डी दल से फसलों के बचाव के लिए उसी रात में सुबह तीन बजे से साढे सात बजे तक बताए गए तरीकों का उपयोग करके टिड्डी दल पर नियंत्रण प्राप्त कर फसलों को बचाया जा सकता है। उन्होने जानकारी दी है कि टिड्डी दल राजस्थान से लगे हुए मध्प्रदेश के नीमच जिले से होता हुआ उज्जैन जिले से निकलकर देवास जिले के तहसील कन्नौद तक पहुंचने की जानकारी प्राप्त हुई है। हरदा जिले में भी टिड्डी दल का प्रकोप होने की संभावना है। इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वह खेतों में सतत निगरानी रखें और टिड्डी दल के आगमन होने पर खेतों में तेज ध्वनि जैसे तालियां बजाकर, ढोल बजा कर, डीजे बजा कर, खाली टीन के डिब्प्तबे बजाकर, पटाखे फोड़ कर, ट्रैक्टर का साइलेंसर निकालकर आवाज करके, टिड्डी दल को आगे की तरफ उड़ाया जा सकता है। साथ ही रासायनिक दवाइयों का प्रयोग ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर पंप में क्लोरोपायारीफॉस 20 प्रतिशत ईसी 1200 एमएल या डेल्टामेथ्रिन, 2.8 प्रतिशत ईसी 625 एमएल या डाईफ्लूबेन्जूरॉन 25 प्रतिशत डब्प्तल्यू पी 120 एमएल या लेम्डासायलोथ्रिन 5 प्रतिशत ईसी 400 एमएल कीटनाशक का 500-600 लीटर पानी में ज्प्ताोलकर टिड्डीओं के ऊपर छिड़काव कर सकते हैं।