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वृद्ध ने कलेक्ट्रेट में खाया जहरीला पदार्थ, दो दिन पहले आत्मदाह का बांटा था पर्चा

locationशाहडोलPublished: Jan 19, 2022 12:30:22 pm

Submitted by:

shubham singh

भूमि विवाद को लेकर सरकारी सिस्टम से था नाराज

The old man ate poisonous substance in the collectorate, two days ago

The old man ate poisonous substance in the collectorate, two days ago

शहडोल. सरकारी सिस्टम से नाराज होकर कलेक्ट्रेट परिसर में मंगलवार की दोपहर एक वृद्ध ने जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी का प्रयास किया। ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों ने बुजुर्ग के मुंह से जहरीला पदार्थ किसी तरह निकालते हुए तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया। बुजुर्ग धर्मदास बारी ने दो दिनों पहले शहर में आत्मदाह का पर्चा भी बांटा था। जिसमें लिखा था की उसकी जमीन में कुछ लोगों ने रातों रात कब्जा कर लिया है। जिसकी शिकायत व राजस्व विभाग के अधिकारियों के संभायुक्त से भी किया था पर प्रशासन की सुनवाई नहीं हो रही है। कार्रवाई न होने पर नाराज धर्मदास मंगलवार की दोपहर कलेक्ट्रेट परिसर में जहरीला पदार्थ खाने का प्रयास किया। बताया गया कि शहर के घरौला मोहल्ला में धर्मदास के ८० वर्ष पहले बने मकान व बाउण्ड्रीवाल को ११ जनवरी को कुछ लोगों द्वारा जमीन को शासकीय जमीन बताते हुए मकान व बाउण्ड्रीवाल को मशीन से तोड़ते हुए कब्जा कर लिया था। जिसकी शिकायत कलेक्टर और कमिश्रर तक की थी।
शिकायत लेने से मना किया तो डाक से भेजा
धर्मदास ने बताया कि एसडीएम कार्यालय में पदस्थ बाबू ने तो शिकायत लेने से इनकार भी कर दिया था। जिससे हताश होकर धर्मदास ने एसडीएम को डॉक के माध्यम से शिकायत पत्र भेजा था। साथ में पुलिस अधीक्षक व कोतवाली में भी डाक के माध्यम से शिकायत भेजी थी लेकिन कार्रवाई न होने पर शहर में पर्चा बांटकर आत्महत्या का प्रयास किया। सूचना मिलते ही डीएसपी हेड क्वार्टर सोनाली गुप्ता, सिविल सर्जन डॉ जीएस परिहार, कोतवाली टीआई रत्नांबर शुक्ला अस्पताल पहुंच गए।
पूर्व में बताया था शासकीय भूमि
धर्मदास का कहना है कि भूमि पर वह लगभग ८० वर्षों से काबिज है। भूमि में मकान व बाउंड्रीवाल भी बना है पर हाई कोर्ट में दबगों द्वारा शासकीय भूमि बताकर रिटपीटिशन लगा कर यह बताया गया कि धमर््ादास बारी का शासकीय भूमी पर अवैध कब्जा है। धर्मदास ने कई बार जिला के अधिकारियों से लेकर रेवन्यू बोर्ड ग्वालियर तक शिकायत कर चुका है। इधर अभय सिंह का कहना है कि आरोप निराधार है। पूर्व में भूमि धर्मदास के पिता से खरीदी की गई थी। भूमि खरीदी कलेक्टर की अनुमति के बाद ली थी। किसी तरह का प्रताडि़त नहीं किया जा रहा है। प्रशासन निष्पक्ष जांच कराकर कार्रवाई कर सकता है।

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