शाहडोलPublished: Jun 25, 2022 01:07:20 pm
Ramashankar mishra
ट्रेन की चपेट में आने से हुई थी एआरएम की मौत, बुढ़ार में किया गया अंतिम संस्कार
अफसर की मौत पर वृद्ध पिता का छलका दर्द, कहा- अधिकारी करते थे परेशान, दो साल से मेरी तबीयत खराब लेकिन नहीं दे रहे थे छुट्टी
शहडोल. अमलई स्टेशन के समीप एक दिन पहले हुई एआरएम की मौत पर पिता ने सवाल उठाए हैं। बुढ़ार पहुंचे पिता मोहन सिंह भाटी ने मीडिया से बातचीत पर वरिष्ठ अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि बेटे पर अनावश्यक कार्य का दबाव बनाया जा रहा था। उसे छुट्टी भी नही लि रही थी। मेरी तबियत दो साल से खराब होने पर भी अधिकारियों ने छुट्टी नहीं दी। एक माह पहले ही बेटे की शादी हुई थी। फिर भी छुटटी नहीं मिल रही थी। एक साथ दो जगह का प्रभार होने पर काम का दबाव था जिसके कारण वह तनाव में रहता था। कई बार उसे इधर से उधर भेजा गया, जहां न रहने की व्यवस्था और न कोई सुविधा रहती थी। पिता ने यह भी कहा कि निरीक्षण के दौरान अन्य अधिकारी बेटे के साथ थे तो उन्होंने क्यों नहीं बचाया।
अमलाई के समीप हुए घटना के शिकार
अमलाई स्टेशन के समीप गुरुवार रात ट्रेन हादसे का शिकार हुए एआरएम यादवेंद्र सिंह भाटी को सेंट्रल अस्पताल धनपुरी ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। तीसरी रेल लाइन के निर्माण कार्य का एआरएम अपने सहयोगियों के साथ जायजा ले रहे थे। फोन से बात करते समय वह हादसे का शिकार हो गए। घटना की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा परिजनों को दी गई । सूचना पर माता-पिता, पत्नी सहित परिवार के सदस्य शुक्रवार को बुढ़ार पहुंचे। रेलवे के वरिष्ट अधिकारी भी घटना स्थल का जायजा लेते हुए परिजनों से मुलाकात की। जांच का आश्वासन दिया है। वहीं पुलिस अधिकारियों ने भी परिजनों से मुलाकात की। पुलिस सलामी के साथ बुढ़ार में एआरएम को अंतिम विदाई दी गई।
वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप
एआरम के माता-पिता ने मीडिया से बातचीत में रेलवे के सीनियर अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए बताया है कि यादवेन्द्र सरल व सहज स्वाभाव का था। उसने कभी किसी विवाद में नहीं रहा। सीनियर अधिकारियों का दबाव अक्सर उसके ऊपर रहता था जिससे वह परेशान रहा करता था। फोन पर बातचीत में काम को लेकर दबाव की बातें करता था। साथ में यह भी कहता था की दो-तीन साल में सब ठीक हो जाएगा।
1 माह पहले हुई शादी
मृतक एआरएम की शादी एक माह पहले हुई थी। जबलपुर में पत्नी असिस्टेंट ऑपरेटिंग मैनेजर हंै। शादी के बाद उन्हें छुट्टी नहीं मिली। पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहते थे। तीसरी लाइन निर्माण के साथ ही अन्य कार्यों की जिम्मेदारी के कारण तनाव में रहते थे।
शहडोल का भी प्रभार
एआरएम यादवेन्द्र सिंह भाठी को बीते सात माह से बैकुंठपुर के साथ ही शहडोल एआरएम का प्रभार दिया गया था। तब से वह दो जगह का कार्य भार देख रहे थे। घटना की सूचना मिलने के बाद रेलवे जीएम आलोक कुमार व डीआरएम आलोक सहाय बुढ़ार पहुंचे थे। उन्होंने घटना की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के बयान लिए जाएंगे व सेफ्टी को लेकर भी जांच की जा सकती है। एडीजी डीसी सागर व एसपी ने परिजनों से मुलाकात करते हुए उचित जांच का आश्वासन दिया। श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए बुढार में अंतिम संस्कार किया गया।
परिजन बोले- कहता था दबाव है, कुछ दिन में ठीक हो जाएगा
एआरम के माता-पिता ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए बताया है कि यादवेन्द्र सरल व सहज था। अधिकारियों का दबाव अक्सर उसके ऊपर रहता था। परिजनों से फोन पर बात चीत में काम को लेकर दबाव की बातें करता था। साथ में यह भी कहता था की दो-तीन साल में सब ठीक हो जाएगा।