एसआई वर्षा बैगा: लोग ताने देते थे, शादी के बाद पास की परीक्षा
पतगवां पेंड्रा छत्तीसगढ़ में आदिवासी परिवार में जन्मी वर्षा बैगा बताती हैं आगे बढऩे में तमाम चुनौतियां देखी। लोग ताने देते थे लेकिन घर परिवार के लोग और हिम्मत देते थे। 2012 में अर्थशास्त्र विषय में स्नाातकोत्तर की पढ़़ाई के बाद बी.एड की परीक्षा भी उत्तीर्ण की। लोग कहते थे शिक्षक बन जाओ लेकिन देश सेवा का जज्बा था। 2009 में शादी हो गई, फिर भी हौसला रखा था। स्व-अध्ययन जारी रखा 2017 में उप निरीक्षक सीधी भर्ती में परीक्षा पास की। वर्तमान में थाना बुढ़ार में कार्य कर रही हैं।
पतगवां पेंड्रा छत्तीसगढ़ में आदिवासी परिवार में जन्मी वर्षा बैगा बताती हैं आगे बढऩे में तमाम चुनौतियां देखी। लोग ताने देते थे लेकिन घर परिवार के लोग और हिम्मत देते थे। 2012 में अर्थशास्त्र विषय में स्नाातकोत्तर की पढ़़ाई के बाद बी.एड की परीक्षा भी उत्तीर्ण की। लोग कहते थे शिक्षक बन जाओ लेकिन देश सेवा का जज्बा था। 2009 में शादी हो गई, फिर भी हौसला रखा था। स्व-अध्ययन जारी रखा 2017 में उप निरीक्षक सीधी भर्ती में परीक्षा पास की। वर्तमान में थाना बुढ़ार में कार्य कर रही हैं।
आरक्षक धन्नालाल सोलंकी
कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई लेकिन पुलिस विभाग की नौकरी चुनी
अंतरराज्यीय मुख्य सरगना को पकड़ते वक्त फायर से धन्नालाल चोटिल हुए थे। धन्नालाल बी.एससी कम्प्यूटर साइंस विषय में पढ़ाई करने के बाद पुलिस भर्ती के लिए तैयारी शुरू कर दिए थे। धन्नालाल बताते हैं शुरुआती समय में आर्थिक स्थिति के लिए लोगों ने प्राइवेट नौकरी की बात कही। कम्प्यूटर साइंस का होने की वजह से प्राइवेट नौकरी भी मिल जाती लेकिन पुलिस सेवा की राह चुनी। 2013 में पुलिस सेवा में आरक्षक के पद पर शहडोल में भर्ती हुए। वर्तमान में थाना बुढ़ार में कार्य कर रहे हैं।
कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई लेकिन पुलिस विभाग की नौकरी चुनी
अंतरराज्यीय मुख्य सरगना को पकड़ते वक्त फायर से धन्नालाल चोटिल हुए थे। धन्नालाल बी.एससी कम्प्यूटर साइंस विषय में पढ़ाई करने के बाद पुलिस भर्ती के लिए तैयारी शुरू कर दिए थे। धन्नालाल बताते हैं शुरुआती समय में आर्थिक स्थिति के लिए लोगों ने प्राइवेट नौकरी की बात कही। कम्प्यूटर साइंस का होने की वजह से प्राइवेट नौकरी भी मिल जाती लेकिन पुलिस सेवा की राह चुनी। 2013 में पुलिस सेवा में आरक्षक के पद पर शहडोल में भर्ती हुए। वर्तमान में थाना बुढ़ार में कार्य कर रहे हैं।
आरक्षक परिमाल सिंह
सरकारी स्कूल में पढ़ाई, कोई बताने वाला नहीं कि आगे क्या करना है
आरक्षक परिमाल सिंह भी टीम में शामिल थे। परिमाल बताते हैं सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। आगे की पढ़ाई के लिए कोई बताने वाला नहीं था कि क्या करना है लेकिन दूसरों की मदद लेकर पुलिस विभाग की राह चुनी। प्राथमिक शिक्षा शासकीय विद्यालय के बाद मेहगांव में की। 2014 में आरक्षक के पद पर शहडोल में पदस्थ हुए। 2020 से लगातार बुढ़ार थाने में पदस्थ हैं।
सरकारी स्कूल में पढ़ाई, कोई बताने वाला नहीं कि आगे क्या करना है
आरक्षक परिमाल सिंह भी टीम में शामिल थे। परिमाल बताते हैं सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। आगे की पढ़ाई के लिए कोई बताने वाला नहीं था कि क्या करना है लेकिन दूसरों की मदद लेकर पुलिस विभाग की राह चुनी। प्राथमिक शिक्षा शासकीय विद्यालय के बाद मेहगांव में की। 2014 में आरक्षक के पद पर शहडोल में पदस्थ हुए। 2020 से लगातार बुढ़ार थाने में पदस्थ हैं।
कई फायर कर सकता था लेकिन हम पीछे नहीं हटे
टीम की एसआई वर्षा बैगा बताती हैं, दो पुलिसकर्मियों के साथ गश्त में थी। एटीएम बैंक हमेशा चेक करते हैं तभी अंदर से आवाज आई। आसपास देखा तो कोई नहीं था। अंदर जाने की कोशिश की तो चार चोर भागने का प्रयास करने लगे। तीन भाग गए थे एक दीवार कूद रहा था। पीछा किया तो कट्टे से फायर कर दिया। आरोपी बचाव के लिए और भी फायर कर सकता था। हमें संदेह था कि नकदी लेकर भाग रहे हैं। पूरी टीम पीछे न हटकर खदेडऩा शुरू किया। कुछ दूरी में आरोपी को पकड़कर थाने ले आए।
टीम की एसआई वर्षा बैगा बताती हैं, दो पुलिसकर्मियों के साथ गश्त में थी। एटीएम बैंक हमेशा चेक करते हैं तभी अंदर से आवाज आई। आसपास देखा तो कोई नहीं था। अंदर जाने की कोशिश की तो चार चोर भागने का प्रयास करने लगे। तीन भाग गए थे एक दीवार कूद रहा था। पीछा किया तो कट्टे से फायर कर दिया। आरोपी बचाव के लिए और भी फायर कर सकता था। हमें संदेह था कि नकदी लेकर भाग रहे हैं। पूरी टीम पीछे न हटकर खदेडऩा शुरू किया। कुछ दूरी में आरोपी को पकड़कर थाने ले आए।
देशभर में करोड़ों की चोरियां, लॉकर से कई किलो पार किया सोना
मास्टर माइंड हसन शेख उर्फ चिक ना है, जो पूर्व में अंतराज्यीय चोरी को अंजाम दिया है। आरोपी ने वर्ष 2016 में पश्चिम बंगाल में 17 बैंक लॉकर को तोड़कर 7 किलो सोना और 30लाख रुपए की चोरी किया था। जिसको पुलिस ने मुंबई से साढ़े 4 किलो सोना और 25 लाख के साथ गिरफ्तार किया गया था। आरोपी की दूसरी घटना पश्चिम बंगाल मालदा से 1 किलो सोना बरामद किया था। इलाहाबाद के स्टेट बैंक में ढाई किलो सोने चोरी किया था। आरोपी ने 11 करोड़ व 17 करोड़ की चोरी की थी।
मास्टर माइंड हसन शेख उर्फ चिक ना है, जो पूर्व में अंतराज्यीय चोरी को अंजाम दिया है। आरोपी ने वर्ष 2016 में पश्चिम बंगाल में 17 बैंक लॉकर को तोड़कर 7 किलो सोना और 30लाख रुपए की चोरी किया था। जिसको पुलिस ने मुंबई से साढ़े 4 किलो सोना और 25 लाख के साथ गिरफ्तार किया गया था। आरोपी की दूसरी घटना पश्चिम बंगाल मालदा से 1 किलो सोना बरामद किया था। इलाहाबाद के स्टेट बैंक में ढाई किलो सोने चोरी किया था। आरोपी ने 11 करोड़ व 17 करोड़ की चोरी की थी।