जर्जर छत के नीचे बैठकर काम कर रहे कर्मचारी
शाहडोल
Updated: May 08, 2022 10:43:59 pm
धनपुरी. एरिया मुख्यालय से लेकर सभी उप क्षेत्रीय कार्यालय जर्जर हालत में संचालित हो रहे हैं। बारिश के समय में तो समस्या और भी ज्यादा बढ़ जाती है। एरिया महाप्रबंधक ने पूर्व में ही सिविल विभाग को निर्देशित करते हुए कहा था कि बरसात के पहले पहले जहां पर शासकीय कार्यालयों में समस्याएं हैं, उनके समाधान को लेकर जल्द से जल्द काम शुरू किया जाए। बावजूद इसके इस ओर किसी प्रकार से ध्यान नहीं दिया गया। अक्सर देखा जाता है कि छत के प्लास्टर टूट कर नीचे गिरते रहते हैं जिस कारण से दुर्घटना का डर बना रहता है 15 जून से मानसून शुरू हो जाएगा और इसके साथ ही इन समस्याओं के समाधान की बात भी महज बातों तक सीमित रह जाएगी और इसका सीधा असर कार्यालय के कामकाज पर पड़ेगा। बिलासपुर मुख्यालय से वेलफेयर फंड के तहत करोड़ों रुपए दिया जाता है लेकिन समय रहते वेलफेयर फंड का उपयोग नहीं किया जाता। यही कारण है कि अधिकांश काम अधर में ही लटके रहते हैं।
कॉलोनियों में भी नहीं हो रही सफाई
कालोनियों में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। कार्यालय में बैठे जिम्मेदार अधिकारी न कभी कालोनियों का निरीक्षण करते हैं और न ही वहां की समस्याओं को देखते हैं। यही वजह है कि समस्याओं के बीच रहने को कर्मचारी मजबूर हैं। हर महीने सफाई व्यवस्था के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं लेकिन समस्या जस की तस है। हिंद मजदूर सभा के एरिया महामंत्री शिव नारायण मिश्रा ने सवाल उठाते हुए कहा कि शासकीय कार्यालय की जर्जर हालत पर किसी प्रकार का ध्यान न दिया जाना पूरी तरह से समझ के परे हैं। बरसात का समय नजदीक है और हर जगह जिस तरह की समस्याएं दिख रही हैं। एरिया महाप्रबंधक से इस ओर ध्यान देने की मांग की गई है।
अधिकारी नहीं दिखा रहे गंभीरता
वर्तमान में तो स्टाफ ऑफिसर सिविल के सेवानिवृत्त होने पर कार्यकारी सिविल अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है लेकिन वह कार्य के प्रति गंभीरता नहीं दिखा रहे। ई टेंडर अधर में लटके हुए हैं उसे पूरा करने की दिशा में सिविल विभाग कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है जिस कारण से अब तक काम भी शुरू नहीं हो सके हैं। कार्यालय की हालत जर्जर होने के कारण बरसात में पानी टपकने से यहां रखी हुई फाइल भी खराब होती हैं। कार्यालय की जर्जर हालत कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना को आमंत्रण दे सकती है। समस्या के समाधान को लेकर कई बार जिम्मेदार अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत भी कराया गया, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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