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शाहडोल

शहरी व ग्रामीण इलाकों में गिरे कंचे साइज के गिरे ओले

दूसरे दिन भी हुई बारिश, तापमान में आई गिरावट

शाहडोलFeb 23, 2020 / 09:31 pm

brijesh sirmour

शहरी व ग्रामीण इलाकों में गिरे कंचे साइज के गिरे ओले

शहरी व ग्रामीण इलाकों में गिरे कंचे साइज के गिरे ओले

शहडोल. जिले में मौसम का बदलाव दूसरे दिन भी जारी रहा। दूसरे दिन रविवार को संभागीय मुख्यालय सहित बुढ़ार, धनपुरी और जैतपुर व आसपास के ग्रामीण इलाकों में दोपहर में झमाझम बारिश के साथ करीब दस मिनट तक कंचे साइज के ओले भी गिरे हैं। बारिश का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। इस दौरान जहां एक ओर शहर की बिजली बाधित रही। वहीं दूसरी ओर तापमान में चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ गई है। रविवार को जिले के अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस दिन सुबह से ही आसमान पर बादलोंं का डेरा जमा रहा और दोपहर में कभी-कभी बादलों की ओट से सूर्यदेव झांकते नजर आए। जानकारों की माने तो रविवार को मौसम का मिजाज ठंडा हो गया है, क्योंकि उत्तर से आने वाली हवा अपने साथ ठंड लेकर आई है। जम्मू कश्मीर से पश्चिमी विक्षोभ गुजर रहा है। इस विक्षोभ की वजह से मौसम में फिर से बदलाव आया है। आसमान में बादल व बारिश के आसार बने हुए हैं।
25 तक बनी रहेगी वर्षा की संभावना
मौसम विभाग से जारी एडवाइजरी के अनुसार आगामी 24 एवं 25 फरवरी को भी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। 23 फरवरी से 27 फरवरी तक जिले का अधिकतम तापमान 29 से 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10 से 11 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। इस दौरान आद्र्रता सुबह 86 प्रतिशत और दोपहर मेें 21 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हवा की गति 6.6 से 7.4 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना है।
ओला से खेतों में खड़ी फसलें झुकी
रविवार को दोपहर में करीब आधे घंटेे तक की तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि से अधिकांश किसानों के खेतों खड़ी फसलें झुक गई है और पानी भर गया। जानकारों की माने तो ओलावृष्टि से हर फसल को नुकसान है। जबकि गेहूं की फसलों में बारिश का पानी से फायदेमंद है, वहीं मसूर, उड़द, अलसी, अरहर और चने की फसल में नुकसान भी है। आगामी दिनों में यदि ऐसे ही ओले गिरे तो दलहनी व चने की फसल के साथ-साथ लहसुन एवं अन्य सब्जीवर्गीय फसलों को भारी नुकसान हो सकता है।
जिले में रबी फसलों की बोनी की फैक्ट फाइल
गेहूं 48.80 हजार हेक्टेयर
दलहन 23.80 हजार हेक्टेयर
तिलहन 19 हजार हेक्टेयर
अन्य फ सल 2 हजार हेक्टेयर
कुल रकबा 93.61 हजार हेक्टेयर
कुल किसान 1.67 लाख
24 घंटे में हो गई 56 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश
भू-अभिलेख कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटे में 56 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हो गई है। जिसमें सर्वाधिक 40 मिलीमीटर बारिश सोहागपुर तहसील में हुई, तो जयसिंहनगर तहसील में बारिश का आंकड़ा शून्य रहा। इसके अलावा बुढ़ार तहसील क्षेत्र में तीन मिलीमीटर, गोहपारू में आठ मिलीमीटर, जैतपुर में चार मिलीमीटर व ब्यौहारी तहसील क्षेत्र में पांच मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
जैतपुर में फसलों को भारी नुकसान
जैतपुर. तहसील क्षेत्र अंतर्गत दोपहर लगभग तीन बजे से भारी बारिश और आंधी तूफान के बीच चने के आकार के ओले गिरे। ओले गिरने से रबी फसल अरहर, गेहूं और चना को भारी नुकसान होने का अनुमान बताया गया है। ओले गिरने से किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें देखी जा रही हैं। ओले और पानी की बारिश से जगह-जगह पानी का भराव होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
बुढ़ार में भी गिरे ओले
बुढार. नगर और बुढ़ार के आसपास रविवार को दोपहर लगभग तीन बजे तेज गरज के साथ बारिश के बीच ओले गिरने से आसमान से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। बताया गया है कि बुढ़ार के आसपास ग्रामीण क्षेत्र में ओले गिरने से फसलों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे किसानों में चिंता बनी हुई है।
कीटव्याधि की निगरानी करें किसान
मौसम विभाग से जारी एडवाइजरी के अनुसार आगामी पांच दिनों तक मौसम की स्थिति को देखते हुए किसान भाइयों को सलाह दी गई है कि वह फसलों व सब्जियों मेेंं सिंचाई न करें और कीट व्याधि की सतत निगरानी करते रहे। इसके अलावा खेतों में भरे पानी की निकासी करें। इसके अलावा करेला, लौकी, भिंडी, तरबूज, कद्दू व ककड़ी की बोनी के लिए भूमि को तैयार कर लें। साथ ही गेंहूं की फसल में बालियां निकलने की अवस्था है, इसलिए जो किसान बीज का उत्पादन करना चाहते हैं, वह विजातीय पौधों को निकालकर खेतों से अलग कर लें।
इनका कहना है
ओलावृष्टि से निश्चित तौर पर हर फसल को नुकसान होता है। ज्यादा देर तक ओला गिरने से गेंहूं की फसल के साथ अन्य दलहनी फसलें चौपट हो जाती है। ओलावृष्टि से बचाव का कोई तरीका नहीं है, यह एक प्राकृतिक आपदा है।
डॉ. पीएन त्रिपाठी, मृदा वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, शहडोल

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