साथ ही राज्य सरकार की सस्ता, सरल व सहज इलाज मुहैया कराने की मंशा भी पूरी होगी। इसी उद्देश्य से स्थानीय प्रशासन ने यह सुविधा मरीजों को देने का निर्णय लिया है। इसकी पूरी तैयारियां हो चुकी है। अप्रेल माह से मरीजों को परिवहन सुविधा मिलने लगेंगी। बैटरी संचालित वाहनों के लिए बजट का निर्धारण कर लिया गया है।
प्रदेश में होगी पहल मरीजों को अपने स्तर पर परिवहन सुविधा मुहैया कराने की पहल एसपी मेडिकल कॉलेज एवं पीबीएम अस्पताल प्रशासन कर रहा है। यह प्रदेश का पहला सरकारी अस्पताल होगा जो अपने स्तर पर ऐसा कर रहा है। यह व्यवस्था कॉलेज प्राचार्य डॉ. अग्रवाल के प्रयासों से हो रही है।
वर्तमान में हालात यह राज्य सरकार मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के उद्देश्य से दवा व जांच की सुविधा नि:शुल्क दे रही है, लेकिन पीबीएम अस्पताल का इन तीन-चार सालों में काफी फैलाव हो गया है। मरीजों को दवा व जांच की सुविधा नि:शुल्क मिल रही है मगर उन्हें परिवहन का खर्च भारी पड़ता था। अस्पताल के एक भवन से दूसरे भवन में मरीजों को जाने के लिए तिपहिया वाहन किराये पर करने पड़ते हैं।
यहां से यहां चलेंगे वाहन मेडिसिन आपातकालीन से ट्रोमा सेंटर, कैंसर अस्पताल, हार्ट हॉस्पिटल, मनोरोग अस्पताल, डायबिटीज केयर सेंटर, ईएनटी अस्पताल, ओपीडी, जनाना अस्पताल एवं बच्चा अस्पताल। अगर किसी मरीज को कहीं इन विभागों में दिखाना होगा तो उन्हें परिवहन में लगी गाडिय़ां लाने-ले-जाने का काम करेंगी।
25 लाख का बजट सुरक्षित मरीजों के लिए परिवहन सुविधा शुरू करने जा रहे हैं। 25 लाख का बजट सुरक्षित रखा है। पांच वाहन खरीदेंगे जो मरीजों को पीबीएम के एक भवन से दूसरे भवन में ले जाने का काम करेंगे। दो भामाशाह भी गाड़ी दान करने को तैयार है। अप्रेल माह में यह सुविधा शुरू कर देंगे।
डॉ. आरपी अग्रवाल, अधीक्षक पीबीएम अस्पताल