युवा वैज्ञानिक इंजीनियर प्रियांशु मिश्रा के पिता विनोद कुमार मिश्रा उमरिया के चंदिया नगरीय क्षेत्र के वार्ड नं 10 के निवासी है और वर्तमान मे वे कृषि कार्य करते है । उन्होंने बताया कि 33वर्षीय प्रियांशु मिश्रा उनका इकलौता बेटा है और उसकी प्रारंभिक शिक्षा उनके दुग्ध विकास निगम मे सुपरवाइजर के पद पर कार्य करते समय भोपाल मे हुई थी उसके उपरांत बीटेक एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की देहरादून से और एम ई स्पेस एंड राकेटरी ब्रांच की पढाई बीआई टीएम मेसरा रांची से पूरी करने के उपरांत 2009मे इसरो के बीएस एससी तिरवानंतपुरम मे साइंटिस्ट वैज्ञानिक के पद पर पदस्थ है । उन्होने बताया कि वैज्ञानिक प्रियांशु 10 वर्ष की छोटी सी अवधि कि नौकरी मे चंद्रयान -1के सफल प्रक्षेपण मे भी योगदान दिया था जिसपर भारत सरकार ने उन्हें यंग साइंटिस्ट अवार्ड 2017 से नवाजा था । उन्होंने बताया कि चंद्रयान 2के सफल प्रक्षेपण को लेकर वैज्ञानिक प्रियांशु काफी तनाव मे थे इस अवधि मे 18 जुलाई को वो अपना जन्मदिन भी भूल गये थे ।वैज्ञानिक प्रियांशु मिश्रा ने अपने कृषक पिता से चंद्रयान 2 के सफल प्रक्षेपण के बाद बताया कि हम लोग काफी समय से इस अभियान मे काम कर रहे थे इसमे लांच व्हीकल का जो ट्रीजीट्री होता है उसे मैने ही डिजाइन किया है वही राकेट जो भेजा जाता है वो एक पर्टिकुलर पार्ट मे जाता है उसे भी हमने ही डिजाइन किया है ।प्रियांशु से हुई बांते हमे बताते हुये उनके पिता विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि चंद्रयान 2के सफल प्रक्षेपण के उपरांत इसरो के गगनयान के सफल प्रक्षेपण कार्य के लिए कार्य प्रारंभ हो गया है और प्रियांशु को इस टीम भी शामिल किया गया है जो कि प्रदेश के साथ जिले और चंदिया के लिए गौरव की बात है ।कृषक पिता और गृहिणी मां प्रतिभा मिश्रा के इकलौते बेटे का विवाह भोपाल मे हुआ है और उसके दो बेटे भी है उनकी इस सफलता पर वो और उनके साथ पूरा मध्यप्रदेश आज गर्व महसूस कर रहा है कि गांव के बेटे ने अपने हुनर और काबिलियत से चंद्रयान 2के सफल प्रक्षेपण मे वे जहाँ सफल रहे वहींं गगनयान को तैयार करने वाली टीम मे भी उन्हें लिया गया है ।