शाहडोलPublished: Nov 20, 2020 12:33:03 pm
Ramashankar mishra
महिला की मौत के बाद नाराज ग्रामीणों ने किया प्रदर्शनगांव पहुंचे कलेक्टर और अधिकारी, परिवार के सदस्य को नौकरी व आर्थिक सहायता की मांग पूर्व में कई दिनों से रहा है बाघ का मूवमेंट, कुछ दिन पूर्व किया था मवेशियों का शिकार
गांव के चारो तरफ रहता है बाघों का मूवमेंट, संजय टाइगर रिजर्व के साथ बांधवगढ़ नेशनल पार्क का है कॉरीडोर
शहडोल. संजय गांधी टाइगर रिजर्व से लगे शहडोल ब्यौहारी के ग्राम आखेटपुर के नागाडोल में बाघ के हमले से महिला की मौत हो गई। घटना अलसुबह की बताई जा रही है। बाघ की हमले से महिला की मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीण विरोध पर उतर आए और देर शाम तक शव को नहीं उठाया। मृतिका शव रखकर विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण परिवार के सदस्य को नौकरी देने व मुआवजे की मांग कर रहे थे। घटना की जानकारी लगते ही वन विभाग के अमले के साथ ही कलेक्टर शहडोल व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंच गए। काफी समझाइश के बाद परिजन माने। जिसके बाद आगे की कार्रवाई की गई। बताया गया कि देर शाम ग्रामीण शव उठाने के लिए माने। शुक्रवार को शाम ज्यादा हो जाने की वजह से पीएम नहीं हो सका।
घर में घुसकर किया महिला पर हमला
बताया जा रहा है कि आखेटपुर के नागाडोल निवासी समरिया बाई पटेल पति मुन्ना पटेल 35 वर्ष गुरुवार की सुबह घर पर थी। बाहर उसे कुछ आहट सुनाई तो मवेशी समझकर वह घर से बाहर निकली हुई थी। इसी दौरान बाघ ने उस पर हमला कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। घटना में मृतिका की मौके पर ही मौत हो गई।
क्षेत्र में बाघों का लगातार मूवमेंट
संजय गांधी टाइगर रिजर्व के साथ ही बांधवगढ़ नेशनल पार्क का कॉरिडोर होने की वजह से इस क्षेत्र में बाघों का लगातार मूवमेंट बना रहता है। हाल ही में बाघ ने दो जानवरों का शिकार किया था। ग्रामीणों का कहना था कि लगातार जंगली जानवरों का मूवमेंट होने के बाद भी पार्क प्रबंधन व वन विभाग के अधिकारियों ने कोई कारगर कदम नहीं उठाया। जिसके चलते ये घटना हुई है। इस दौरान कलेक्टर सहित वन विभाग के कई बड़े अधिकारी भी मौजूद रहे।
अधिकारियों की समझाइश के बाद माने
आखेटपुर में बाघ द्वारा महिला का शिकार किए जाने की सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। वहीं कलेक्टर डॉ सत्येन्द्र सिंह व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश वैश्य के साथ ही थाना ब्यौहारी का स्टाफ मौके पर पहुंच गया। जहां ग्रामीण मृतिका के शव को घटनास्थल से उठाने के लिए तैयार नहीं थे और नौकरी व मुआवजे की मांग कर रहे थे। अधिकारियों की समझाइश के बाद देर शाम वह शव उठाने के लिए राजी हुए। हालांकि काफी शाम होने की वजह से मृतिका का पीएम नहीं हो पाया।