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ये वनोपज प्रकृति का वरदान हैं, वनवासियों के जीविकोपार्जन का बनाएं माध्यम

locationशाहडोलPublished: Dec 25, 2020 12:31:10 pm

Submitted by:

Ramashankar mishra

वनधन केन्द्रो से संबद्ध स्व सहायता समूहो के प्रशिक्षण के प्रस्तुतिकरण कार्यक्रम का आयोजन

ये वनोपज प्रकृति का वरदान हैं, वनवासियों के जीविकोपार्जन का बनाएं माध्यम

ये वनोपज प्रकृति का वरदान हैं, वनवासियों के जीविकोपार्जन का बनाएं माध्यम

शहडोल. कमिश्नर नरेश पाल ने कहा है कि वन संसाधनो को वनवासियों के जीविकोपार्जन का माध्यम बनाएं। वनधन केन्द्रो के जरिए वनवासियों को प्रशिक्षण का उद्देश्य वन संसाधनो का संरक्षण और संवर्धन कर वन संसाधनो से वनवासियो को आर्थिक रूप से आत्म निर्भर बनाना है। कमिश्नर ने कहा है कि वनो के माध्यम से वनो पर निर्भर लोगो की पोषण एवं आजीविका को मजबूत बनाना वनधन योजना का उद्देश्य है। कुपोषण से लडऩे एवं आमदनी बढाने में महुआ आंवला, चार, जैसे वन उत्पादो की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। इस पर स्व सहायता समूहो के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है। कमिश्नर नरेश पाल वनधन केन्द्रो से संबद्ध स्व सहायता समूहो के प्रशिक्षण के प्रस्तुतिकरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कमिश्नर ने कहा कि महुएं के पोषक तत्वो एवं व्यवसायिक संभावनो पर विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र और स्वय सेवी संस्थाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। हमे इस दिशा में सामूहिक प्रयास करने होगें। प्रशिक्षण में महुआ के बारे में संस्था की विशेषज्ञ प्रशिक्षक नीलम कुमारी सूर्यवंशी ने पॉवर प्वाइंट प्रजेण्टेशन प्रस्तुत करते हुए बताया कि महुआ से कैन्डी, सेनेटाइजर, केक, बिस्किट, लड्डू और सॉस चटनी, फ्रेस जूस आदि प्रोडक्ट आसानी से बनाकर बेचे जा सकते है। महुएं से अन्य उपयोगी एवं पौष्टिक उत्पाद भी आसानी से तैयार किये जा सकते है। परफ्यूम, बायो डीजल तथा सीएमसी गैस भी महूएं से तैयार किया जा सकता है। उन्होने कहा कि महुआ फूल और महुआ बीज का उपयोग कई प्रकार के वस्तुएं बनाने में किया जा सकता है। आवश्यकता इस बात की है कि वनवासियों को महुआ आधारित उत्पाद तैयार करने का समुचित प्रशिक्षण दिया जाए तथा तैयार उत्पादो के विपणन की व्यवस्था भी की जाए। प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग, अजीविका मिशन, स्वास्थ्य विभाग, वन विभाग के अधिकारी एवं स्व सेवी संस्था, सपूत केके मेमोरियल समिति शाहपुर के संस्था संचालक रविकांत द्विवेदी, संतोष द्विवेदी, केपी महेन्द्रा, एस.के. नामदेव, एमपी मिश्रा, सुशील कुमार पाण्डेय सहित अन्य लोग प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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