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इस सरकारी स्कूल में प्रवेश के लिए लगती है लाइन, यहं भविष्य निर्माण के तीन मंत्र-अनुशासन, स्वमूल्यांकन और प्रश्न मंच

locationशाहडोलPublished: Jul 29, 2018 07:57:03 pm

Submitted by:

shivmangal singh

शासकीय संभागीय आवासीय कन्या शिक्षा परिसर शहडोल ने पेश किया शिक्षा का नया मॉडल

shahdol

इस सरकारी स्कूल में प्रवेश के लिए लगती है लाइन, यहं भविष्य निर्माण के तीन मंत्र-अनुशासन, स्वमूल्यांकन और प्रश्न मंच

शहडोल। जिन लोगों की ऐसी धारणा है कि अच्छा भविष्य मोटी-मोटी फीस लेने वाले निजी स्कूलों ही बनता है। यदि शासकीय संभागीय आवासीय कन्या परिसर में आएंगे तो शायद ये धारणा बदल जाए। यहां प्राचार्य ने शिक्षा का एक नया मॉडल खड़ा कर दिया है। भविष्य निर्माण यहां तीन मंत्र दिए गए हैं, अनुशासन, स्वमूल्यांकन और प्रश्नमंच। यहां के प्राचार्य, शिक्षक और अन्य स्टाफ सिर्फ बोलकर नहीं बल्कि नियमों का स्वयं पालन करके छात्राओं का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
पांडव नगर स्थित डाइट परिसर में स्थापित किए इस २४५ सीटर कन्या आवासीय परिसर में अभी २३० छात्राएं रह रहीं हैं। इन छात्राओं को की एक फौजी की तरह की अनुशासित दिनचर्या है। अनुशासन तो इनके जीवन का अनिवार्य अंग है। इसके अलावा शिक्षण में भी इन छात्राओं के मानदंड सामान्य से ऊपर रखे गए हैं। अनुशासन के लिए इन छात्राओं की रोज 15 मिनट की कक्षा लगती है। कक्षा 6 से 11 तक संचालित इस आवासीय परिसर में उमरिया, अनूपपुर, शहडोल के साथ ही डिण्डौरी की छात्राएं भी पढ़ाई कर रहीं हैं।

स्वमूल्यांकन की आदत का विकास
दूसरे की कमियां खोजने की वजाय अपनी कमियों को खोजकर यहां की छात्राएं आगे बढऩे का अपना रास्ता तैयार कर रहीं हैं। ये छात्राएं रोज अपना खुद का मूल्यांकन करतीं हैं। जिसकी वजह से इनकी शिक्षा का स्तर स्वयं ही ऊंचा हो रहा है। छात्राएं शाम को 5 से 7 बजे तक स्व-मूल्यांकन करती हैं। जिसमें पूरे दिन क्या पढ़ाया गया है, उसकी पूरी तैयारी कर छात्राएं स्वयं उसका अभ्यास करती हैं। शिक्षक त्रुटियां दूर कराते हैं।


प्रार्थना के साथ अनुशासन का पाठ
शासकीय आवासीय कन्या शिक्षा परिसर में वाद्ययंत्रों के साथ सुबह की प्रार्थना होती है। इसके साथ ही शाम ७ से ८ बजे की बीच शाम को भी वंदना होती है। इस दौरान यहां पदस्थ प्राचार्य रंजीत सिंह धुर्वे द्वारा स्वयं १५ मिनट तक छात्राओं को अनुशासन व संस्कार का पाठ पढ़ाया जाता है। इस अवसर पर प्राचार्य द्वारा कुछ सवाल जवाब भी छात्राओं से किए जाते हैं। साथ ही छात्राओं को सांस्कृतिक गतिविधियों नृत्य, वाद्ययंत्र, शास्त्रीय संगीत, नृत्य की शिक्षा भी दी जाती है।


आधे घंटे चलता है प्रश्नमंच
आवासीय परिसर में छात्राओं की तर्क शक्ति व उनकी तैयारी के लिहाज से प्रतिदिन आधे घंटे के प्रश्नमंच का भी आयोजन किया जाता है। यह प्रश्नमंच प्रति सप्ताह एक-एक विषय का होता है। जिसमें एक सप्ताह तक प्रतिदिन
एक ही विषय से प्रश्न व उसका जवाब तैयार करती है और क्लास में बैठकर एक दूसरे से सवाल जवाब भी करती हैं। प्रबंधन की माने तो छात्राओं द्वारा तैयार किए गए प्रश्न उनके पाठ्यक्रमों की तैयारी में काम आते हैं।


क्या है टाइम टेबल
प्रार्थना 10:20 से 10:35 तक, कक्षा 10:35 से 4:00 तक, कोचिंग 4:00 से 4.40 तक, स्वमूल्यांकन 5.00 से 7.00 तक, संध्या वंदना 7.00 से 8.00 तक, प्रश्न मंच प्रतिदिन आधा घंटा।

 

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