शाहडोलPublished: Jul 02, 2022 10:35:31 pm
shubham singh
कई रोगों से लडऩे में मिलती है सुरक्षा
इस उम्र के बच्चों के लिए कारगर है यह औषधि, मानसिक विकास के साथ होते कई फायदे
शहडोल. नगर में संचालित आयुष चिकित्सालय में पुष्य नक्षत्र पर शुक्रवार को बच्चों का स्वर्ण प्राशन संस्कार हुआ। जिसमें बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही शारीरिक व मान्सिक रूप से सुदृढ बनाने के लिए स्वर्ण युक्त औषधि का सेवन कराया गया। आयुष चिकित्सालय में पदस्थ डॉ रितू मिश्रा ने बताया कि स्वर्ण प्राशन एक आयुर्वेदिक रोग प्रतिरोधक व बल वर्धक उपाय है। जिसमें बालकों को शुद्ध स्वर्ण भस्म, गौ घृत, मधू, ब्राम्ही तथा शंखपुष्पी सहित अन्य औषधियों के मिश्रण का सेवन कराया जाता है। स्वर्ण प्राशन संस्कार 0 से 16 वर्ष के बच्चों का होता है। यह स्वर्ण औषधि बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करती है। बच्चों को सर्दी, जुखाम, अतिसार आदि वायरल रोगों से बचाती है। सुनने, देखने, बोलने जैसी क्रियाओं को विकसित करने के साथ ही शारीरिक व मान्सिक रूप से मजबूत बनाती है। शुक्रवार को पुष्य नक्षत्र के अवसर पर आयोजित स्वर्ण प्राशन संस्कार में 104 बच्चों को स्वर्ण युक्त औषधि का सेवन कराया गया। उल्लेखनीय है कि आयुष चिकित्सालय में हर माह पुष्य नक्षत्र पर 0 से 16 वर्ष तक के बच्चों का स्वर्ण प्राशन संस्कार कर स्वर्ण युक्त औषधि पिलाई जा रही है। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चों में मानषिक विकास के साथ-साथ अन्य रोगों से लडऩे की क्षमता इस औषधि में पाई जाती है जो बच्चों के लिए बहुत ही कारगर साबित हो रही है। पुष्य नक्षत्र को यह दवा पिलाया जाता है। 16 वर्ष तक के बच्चों को यह दवा पिलाई जाती है। शुक्रवार को आयुष चिकित्सालय में डॉक्टरों ने बच्चों को दवा पिलाने के लिए कैंप लगाया। जहां सुबह १० बजे से लेकर शाम तक परिजना अपने बच्चों को औषधि पिलाने के लिए लेकर पहुंचे।