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टेरिटरी छोड़ बस्तियों तक पहुंच रहे बाघ, ब्यौहारी में चार मवेशियों पर हमला, गांव में दहशत

locationशाहडोलPublished: Nov 09, 2020 09:42:29 pm

Submitted by:

amaresh singh

ब्यौहारी क्षेत्र में पिछले कई दिनों से हैं मूवमेंट, कभी गांव तो कभी घर तक पहुंच जा रहे बाघ

Tigers leaving the territory and reaching the settlements

टेरिटरी छोड़ बस्तियों तक पहुंच रहे बाघ, ब्यौहारी में चार मवेशियों पर हमला, गांव में दहशत

शहडोल। जिले के खन्नौधी क्षेत्र में लम्बे समय से घूम रहे बाघ के शिकार के बाद अब सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। बाघ लगातार खुद की टेरिटरी छोड़कर गांव और बस्तियों तक पहुंच रहे हैं। अलग- अलग दिशाओं से दो टाइगर रिजर्व से घिरे ब्यौहारी और जयसिंहनगर के गांव और जंगलों में लगातार बाघों का मूवमेंट है। खन्नौधी में बाघ शिकार मामले में जांच चल ही रही है कि ब्यौहारी में फिर बाघों का मूवमेंट मिला है। पिछले काफी समय से बाघ ब्यौहारी के गांव और बस्तियों तक पहुंच रहे हैं। शनिवार की देर रात ब्यौहारी के आखेटपुर क्षेत्र में बाघ बस्ती में जा घुसा। यहां बाघ ने चार मवेशियों पर हमला करते हुए शिकार का प्रयास किया। इस दौरान दो मवेशियों ने दम तोड़ दिया, जबकि दो मवेशियों को घायल ही छोड़ गए। आधी रात मवेशियों की आवाज सुनकर ग्रामीण बाहर निकले तो बस्ती में बाघ का मूवमेंट मिला। मवेशियों के शिकार के बाद ग्रामीणों में दहशत रही और सुबह तक घरों से बाहर नहीं निकले थे। सूचना मिलते ही वन विभाग ब्यौहारी की टीम मौके पर पहुंच गई। यहां पर ग्रामीणों को समझाइश देते हुए जंगल तक सर्चिंग की। इस दौरान अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाइश दी कि बाघों को किसी भी तरह का नुकसान न पहुंचाएं और हर गतिविधियों की जानकारी बीट गार्ड और अधिकारियों तक पहुंचाएं। वन विभाग के अधिकारियों ने तरीके भी बताए कि बाघ से सामना होने पर किस तरह स्थितियों को नियंत्रित किया जा सकता है।

कई साल से ब्यौहारी क्षेत्र में बाघों का मूवमेंट
बांधवगढ़ और संजय टाइगर के कॉरीडोर के बीच स्थित ब्यौहारी, जयसिंहनगर और गोहपारू के जंगलों में पिछले काफी समय से बाघों का मूवमेंट बना हुआ है। हाल ही में गोहपारू खन्नौधी के जंगल में एक बाघ के शिकार का मामला सामने आया है। इसके पहले भी २०१६ में ब्यौहारी क्षेत्र में एक बाघ का शिकार हुआ था। पार्क के भीतर से टेरिटरी छोड़कर निकले बाघ कभी गांव तो कभी घर के आंगन तक पहुंच जा रहे हैं। वन विभाग के अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं लेकिन बढ़ते बाघों की सुरक्षा चुनौती साबित हो रही है।

बाघ की मौत के बाद एक- दूसरे के पाले में गेंद
हाल ही में खन्नौधी नाले में एक बाघ का शव मिला था। जिसे तीन माह पहले शिकार के बाद दफना दिया गया था। दांत शरीर बाघ के कई अंगों का सौदा करते टीम ने तीन शिकारियों को पकड़ा था। इस मामले में अभी तक पता नहीं लगा सके है कि बाघ किस टाइगर रिजर्व का था। पार्क प्रबंधन सुरक्षा से किनारा काटते हुए एक-दूसरे के पाले में गेंद डाल रहे हैं। इधर शिकार मामले में पूछताछ में और भी कई लोगों के नाम सामने आ सकते हैं लेकिन अभी सिर्फ तीन ग्रामीणों को आरोपियों बनाया गया है।

तेंदुआ शिकार मामले में संदेहियों से पूछताछ
उमरिया के वन परिक्षेत्र पाली अंतर्गत बरबसपुर बीट स्थित बंधा में तेंदुआ के शव मामले में हाथ खाली हैं। मामले में दो संदेहियों को उठाकर पूछताछ की जा रही है। दरअसल दो दिन पहले बंधा में तेंदुआ का शव मिला था। तेंदुआ के शरीर से नाखून व दांत गायब थे। बाद में वन विभाग ने दलील दी थी कि तेंदुए का शव दो दिन पुरााना है। लगातार पानी में रहने की वजह से शरीर के बहुत से अंग गल गए हैं। मछलियों ने पंजे को खा लिया है और दांत गलकर निकल गए हैं। मामले में शिकार की आशंका होने पर दो संदेहियों से पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि जिस स्थल पर तेंदुआ का शव मिला है उसके आस-पास कहीं भी विद्युत सप्लाई लाइन नहीं है। ऐसे में मौके में करंट से शिकार की कोई संभावना है। ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि किसानों द्वारा फैलाए गए करंट से तेंदुए की मौत हुई है। जिसके बाद उसे लाकर बांध में फेंका गया है।

बाघों की सुरक्षा को लेकर मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी तय की गई है। हर शाम मैदानी अधिकारियों से रिपोर्ट ले रहे हैं। मैं खुद गांवों में विजिट कर रहा है। बाघों के मूवमेंट पर नजर रख रहे हैं। ग्रामीणों को भी सतर्क किया जा रहा है। साथ ही समझाइश दी जा रही है कि किसी तरह का नुकसान न पहुंचाएं।
विद्याभूषण मिश्रा, एसडीओ
वन विभाग ब्यौहारी

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