इस तरह हजारों वर्षो से दीपावली का त्यौहार मनाने की परंपरा चली आ रही है। जिसे अमीर गरीब सभी उत्साह से मनाते है। दीपावली को लेकर शहर के व्यापारिक प्रतिष्ठान में लाइटिंग से सजावट की गई है। जहां शुभ मूहूर्त में पूजा की जाएगी। इस दीपावली पर बहुत ही शुभकारी संयोग बन रहा है। जिसके कारण दीपावली पर मां लक्ष्मी ,गणेश और कुबेर की पूजा करने से विशेष फल मिलेगा। दीपावली में वृष लग्र में पूजा का शुभ मूहूर्त भी अपना अलग महत्व रखता है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
सस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य दीन बंधु मिश्रा ने बताया कि धर्म शास्त्रों में दिपावली में लक्ष्मी गणेश पूजन के लिए प्रदोष काल का भी खासा महत्व होता है। दिन.रात के संयोग को ही प्रदोष काल बनता है इस बार शाम 5:43 से रात 8:16 बजे तक प्रदोषकाल रहेगा। जिसमें लोग सुख.समृद्धि की कामना के लिए लक्ष्मी,गणेश और कुबेर का पूजन मंगलकारी है। इस दिवाली पूजा करने के लिए 3 शुभ मुहूर्त हैं । इन तीनों मुहूर्त में पूजा करने का अपना ही विशेष अलग महत्व होता है। इन विशेष मुहूर्त में मां लक्ष्मी के साथ विष्णु, गणेश, और कुबेर की पूजा भी की जा सकती है।
सस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य दीन बंधु मिश्रा ने बताया कि धर्म शास्त्रों में दिपावली में लक्ष्मी गणेश पूजन के लिए प्रदोष काल का भी खासा महत्व होता है। दिन.रात के संयोग को ही प्रदोष काल बनता है इस बार शाम 5:43 से रात 8:16 बजे तक प्रदोषकाल रहेगा। जिसमें लोग सुख.समृद्धि की कामना के लिए लक्ष्मी,गणेश और कुबेर का पूजन मंगलकारी है। इस दिवाली पूजा करने के लिए 3 शुभ मुहूर्त हैं । इन तीनों मुहूर्त में पूजा करने का अपना ही विशेष अलग महत्व होता है। इन विशेष मुहूर्त में मां लक्ष्मी के साथ विष्णु, गणेश, और कुबेर की पूजा भी की जा सकती है।
शुभ मुहूर्त
प्रदोष काल – मां लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06:55 से 08:51 बजे तक
वृषभ काल – शाम 7:11 से 9:06 बजे तक
चौघडयि़ा पूजा- सुबह 6:28 से 7:53 बजे तक, शाम 4:19 से 8:55 बजे तक
महानिशिता काल मुहूर्त- लक्ष्मी पूजा की अवधि. 51 मिनट
महानिशिता काल- 11:40 से 12:31 बजे तक
प्रदोष काल – मां लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06:55 से 08:51 बजे तक
वृषभ काल – शाम 7:11 से 9:06 बजे तक
चौघडयि़ा पूजा- सुबह 6:28 से 7:53 बजे तक, शाम 4:19 से 8:55 बजे तक
महानिशिता काल मुहूर्त- लक्ष्मी पूजा की अवधि. 51 मिनट
महानिशिता काल- 11:40 से 12:31 बजे तक