तेज हवाओं से सर्द हुआ मौसम
पिछले दो दिनों से तेज हवाओं के कारण सुबह से ही मौसम में सर्द दबाव अधिक बढ़ा हुआ है। जो रात का तापमान सबसे न्यून स्तर पर जाते हुए बर्फ की परत में तब्दील हो रहा है। इससे पूर्व अमरकंटक में २१ दिसम्बर से बर्फ की चादर जम रही है, साथ ही रात का तापमान भी शून्य पहुंच रहा है। नववर्ष आगमन तथा नर्मदा दर्शन को पहुंचने वाले पर्यटकों में यहा बन रही ठंडक को देखकर खुशी का माहौल बना हुआ है। उनका कहना है कि अमरकंटक में बर्फ जमने जैसे छंटा मिलेगी सोचकर नहीं आया था। लेकिन अब यह किसी हिल स्टेशन की भांति लोगों को आकर्षित कर रहा है।
एक ओर बर्फ की परत से जहां जनजीवन प्रभावित हो रहा है, वहीं किसानों की चिंता भी बढ़ गई है। रबी की हाल फिलहाल हुई बुवाई में पाला गिरने का डर किसानों को सताने लगा है। इनमें सबसे अधिक अरहर, सरसों की फसल के प्रभावित होने सम्भावना बनी हुई है। जबकि जिन किसानों ने गेहूं की सिंचाई की होगी उन खेतों में बर्फ की परत जमने पर पौधे पीले होने की आशंका बनी रहेगी। कृषि विभाग अधिकारियों का कहना है कि शीत लहर में पाला का डर होता है, इसके लिए किसान पाला से बचाने की सलाहों पर काम करें।
अचानक तापमान गिरने से फसलों पर पाले का संकट
दिसम्बर के अंतिम सप्ताह और जनवरी माह के प्रथम सप्ताह में न्यूनतम तापमान होने की वजह से फसलों को पाला से क्षति होने की आशंका होती है। ऐसी स्थिति में किसानफसलों को पाला से बचाव के लिए आवश्यक उपाय कर सकते हैं। इस संबंध में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उपसंचालक जे एस पंद्राम ने बताया है कि वर्तमान में कृषकों द्वारा रबी की फसलें साग भाजी एवं फलदार पौधे लगाए गए हैं तथा लगातार तापमान में गिरावट आ रही है। इसलिए इन्हें पाला से बचाना अत्यंत जरूरी है। इसमें ध्यान रखने वाली बात यह है कि जिस दिन तीन बजे के बाद अचानक तापमान में गिरावट आए तो पाला की संभावना को देखते हुए बचाव के उपाय किया जाना चाहिए। जिसके तहत पाला की संभावना होने पर बोई गई फसलों में हल्की सिंचाई अवश्य की जाए। खेतों की मेढ़ों पर घास फूंस एकत्र कर आग लगाकर चारों तरफ धुंआ किया जाए। थायो यूरिया 500 ग्राम एक हजार लीटर पानी में घोलकर छिड़काव किया जाए। सल्फेक्स पाउडर तीन ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव किया जाए। ग्लूकोज पाउडर पांच ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव किया जाए। फसलों की पत्तियों में बर्फ जमने पर सुबह दो व्यक्ति रस्सी के दोनो किनारों को पकड़कर पौधों के उपर चलाए, जिससे पत्तियों के उपर जमी बर्फ गिर जाएगी और फसलें सुरक्षित रहेगी।