पर्यटन व धार्मिक स्थल क्षीरसागर में धीमी हो गई सौर्य उर्जा की लौ , अधेरे में बीत रही रात
सौभाग्य योजना में भी नहीं पहुंची बिजली
पर्यटन व धार्मिक स्थल क्षीरसागर में धीमी हो गई सौर्य उर्जा की लौ , अधेरे में बीत रही रात
पर्यटन व धार्मिक स्थल क्षीरसागर में धीमी हो गई सौर्य उर्जा की लौ , अधेरे में बीत रही रात
शहडोल. पर्यटन और धार्मिक स्थल क्षीरसागर में लोगों की अंधेरे में रात कट रही है। यहां सौर्य उर्जा से रोशनी करने का अस्थाई इंतजाम किया गया था। लेकिन वर्तमान में सौर्य उर्जा की बैट्री डाउन चल रही है। जिसके कारण मंदिर और पिकनिक स्पॉट में सूरज ढ़लते ही अंधेरा छा जाता है। यहां बिजली न होने से पर्यटकों और धार्मिक आस्था से जुड़े लोगो को रात को जंगली जानवरों का भय बना रहता है। जबकि छीरसागर में बिजली पहुंचाने के लिए संसद ज्ञानसिंह और विधायक प्रमिला सिंह दो बार अश्वासन दे चुके है। इसके बाद भी पर्यटक स्थल तक बिजली अब तक नहीं पहुच सकी है।
क्षीरसागर सोहागपुर जनपद के ग्राम पंचायत बिजौरी में स्थित है। क्षीर सागर में पर्यटको और धार्मिक श्रद्धालुओं के लिए दो साल पहले सौर्य उर्जा से बिजली शुरू की गई थी। जिसके उपकरण अब जंग खा चुके है। जिससे मंदिर में जाने वाले श्रद्धालुओं को आए दिन अंधेरे में सामना करना पड़ रहा है। यहां बैगा बस्ती तक बिजली पहुंच गई है। लेकिन दो किलोमीटर दूर क्षीर सागर में अभी भी बिजली पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है। जबकि सौभाग्य योजना के तहत हर मौजा-टोला में बिजली पहुंचाईेजा रही है। लेकिन जिले का पर्यटक स्थल बिजली के लिए मोहताज बना हुआ है।
दूर- दूर से आते है पर्यटक
आश्रम के महंत केशवगिरी ने बताया कि क्षीरसागर सोनभद्र और मुडऩा नदी के संगम स्थली के साथ शिव परिवार,विष्णु भगवान,एवं मां दुर्गा की स्थापना है। मंदिर प्रांगण में दक्षिण मुखी हनुमान जी,काल भैरव का मंदिर, और पश्चिम में रैकुला कुण्ड स्ािापित है। यहां माह में 20 से अधिक अस्थिया विसर्जित की जाती है। साथ ही पर्यटक स्थल होने से चार से पांच सौ लोग प्रतिदिन पिकनिक और मंदिर में दर्शन करने आते है। लेकिन बिजली की कमी बनी हुई है। बिजली पहुंच जाने से इस पर्यटन स्थल की रौनकता और बढ़ जाएंगी।
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