कुछ किसान ही कर रहे खेती
जिससे आदिवासी कुल की फसल अब विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई है। गिनती के ही कुछ आदिवासी किसान अपने कुल की फसल को बचाए हुए है। उनके साथ रावे के छात्रों को आदिवासी कुल की फसलों की खेती करने का गुर भी सीखने को मिला। आगामी २५ दिसम्बर तक आदिवासी अंचल में रहेंगे और आधुनिक खेती के साथ आदिवासी कुल की फसलों की खेती का भी अनुभव प्राप्त करेेगे। इस दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मृगेन्द्र सिंह, मृदा वैज्ञानिक डॉ. पीएन त्रिपाठी, गृह वैज्ञानिक डॉ. अल्पना शर्मा, डॉ. दीपक चौहान और भागवत शेन्द्रे उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। रावे के छात्रों में संजय देवड़े, रोहित सोलंकी, उपेन्द्र कुर्मी, शुभम पटेल, सुरेन्द्र पाल, राकेश पटेल, कार्तिक मंडलोई, जालम मंसोरे, राजेश निगवाल, महेन्द्र जर्मन, सरदार डॉबर, विक्रम खांडे, तेज प्रकाश बारपेटे, गुलशन अंडलक, जयदीप गौर, धर्मा सेमाले, दिनेश चौहान और शिवम अकोलेे रहे।