शहडोल. कोरोना काल में बेरोजगार बढ़ गई है। कोरोना काल में पहली बार पालीटेक्निक ग्राउंड में जिला स्तरीय रोजगार मेला आयोजित किया गया। इसमें बेरोजगार युवाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। अधिकारियों की मानें तो कोरोना काल में पहली बार इतनी बेरोजगार युवाओं की भीड़ पहुंची है। इसमेंं कई युवा ऐसे थे जिनकी कोरोना के चलते नौकरी छूट गई थी। ऐसे में जब रोजगार मेला आयोजित हुआ तो ये युवा भी काफी संख्या में रोजगार के लिए रोजगार मेले में नौकरी मांगने के लिए पहुंच गए। कंपनियों ने युवकों का इंटरव्यू लिया और 2460 बेरोजगार युवकों में से 1094 युवकों को फाइनल तौर पर रोजगार दिया। कोरोना काल में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में बेरोजगारों को अलग- अलग कंपनियों ने रोजगार दिया है।
2460 ने कराया पंजीयन, भीड़ इतनी ही सोशल डिस्टेंस भी भूले
रोजगार मेले में 2460 बेरोजगारों ने अपना पंजीयन कराया। रोजगार मेले में देश की विभिन्न जगहों से 18 कंपनियां रोजगार देने आई थी। रोजगार के लिए युवाओं का अलग-अलग काउंटर बनाया गया था। इसमें बेरोजगार युवाओं ने लाइन में लगकर अपना पंजीयन कराया। रोजगार के चक्कर में युवा सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना भी भूल गए। युवकों द्वारा पंजीयन कराने के बाद इंटरव्यू और प्रक्रिया पूरी की।
लॉकडाउन में बढ़ी नौकरी की समस्या: इस तरह जिले में बढ़ते गए बेरोजगार
जिले में अप्रैल माह से लेकर दिसंबर माह तक में चार हजार से ज्यादा बेरोजगार बढ़ गए हैं। जिले में अप्रैल और मई माह में लॉकडाउन के दौरान कम संख्या लोग बेरोजगार थे लेकिन कोरोना का कहर लगातार बने रहने के बाद और नौकरी छूटने के बाद अचानक बेरोजगार बढ़ गए। अप्रैल माह में 19 लोग रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराए। इसके बाद मई माह मेें 33 बेरोजगारों ने पंजीयन कराया। वहीं लॉकडाउन खत्म होने के बाद बेरोजगारों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। जिले में जून माह मेें 497 बेरोजगारों ने रोजगार कार्यालय में पंजीयन करवाया। अगस्त माह में तेजी से बेरोजगारों की संख्या बढ़ी। अगस्त माह में जिले में 15सौ बेरोजगारों ने रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराया। इसमें 1092 पुरूष जबकि 464 महिलाएं शामिल रहीं। सितंबर माह में बेरोजगारी में कमी आई। सितंबर माह में जिले में 202 बेरोजगारों ने रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराया। अक्टूबर में फिर से बेरोजगारों की संख्या में तेजी आई और अक्टूबर में 1294 बेरोजगारों ने रोजगार कार्यालय में पंजीयन करवाया। इसी तरह नवंबर और दिसंबर में भी बढ़ी संख्या में युवाओं ने नौकरी के लिए पंजीयन कराया है। लॉकडाउन से पहले जिले में मार्च माह में 115 बेरोजगारों ने रोजगार कार्यालय में पंजीयन करवाया। वहीं फरवरी में 307 बेरोजगारों ने रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराया था।
1782 को मिला रोजगार, दिसंबर में सबसे ज्यादा
कोरोना संक्रमण के बीच लगातार बेरोजगार युवा रोजगार कार्यालय और मेले में नौकरी मांगने पहुंच रहे हैं। लॉकडाउन के बाद नौकरी छूटने और घर वापसी के बाद रोजगार मेले से 1782 लोगों को रोजगार मिला है। रोजगार कार्यालय में प्लेसमेंट कंपनी के माध्यम से जिले में लॉकडाउन के बाद से 1782 बेरोजगारों को रोजगार मिला है। सभी बेरोजगारों को विभिन्न कंपनियों ने रोजगार मेले में रोजगार दिया है। इसमें जुलाई माह में 244 बेरोजगारों को रोजगार मिला था। अगस्त माह में 108 बेरोजगारों को, सितंबर माह में 152 बेरोजगारों को रोजगार मिला और अक्टूबर माह में 184 बेरोजगारों को कंपनियों ने रोजगार दिया था।
केस – 1
4 चार में मैकेनिकल से बीइ, नहीं मिली नौकरी
शहर के पांडवनगर निवासी शिवेन्द्र पांडे बीई डिग्री होल्डर हैं। उन्होंने साल 2016 में बीई मैकेनिक से कोर्स पूरा किया। इसके बाद वे रोजगार के लिए कई जगह गए लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिला। ोजगार मेला लगा तो वे भी स्थानीय स्तर पर रोजगार की आस में अपना पंजीयन कराने चले आए।
केस – 2
शहडोल के पांडवनगर निवासी ज्ञानेन्द्र तिवारी आईटीआई पूरा कर चुके हैं। इसके बाद साल 2019 में उन्होंने धार जिला में बस बाडी प्लांट में अप्रेंटिस भी किया। अप्रेंटिस एक साल में पूरा करने के बाद उन्होंने कई जगह काम के लिए आवेदन दिया लेकिन उनको रोजगार नहीं मिला। रोजगार मेला में रोजगार की उम्मीद में पहुंचे।
केस – 3
शहर के घरौला मोहल्ला निवासी सौरभ सेन पॉलिटेक्निक सिविल इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष में हैं। वे अंतिम वर्ष में आने के बाद रोजगार की तलाश में जुट गए हैं। पॉलीटेक्निक ग्राउंड में रोजगार मेला आयोजित होने पर वे भी रोजगार की तलाश में पंजीयन कराने रोजगार मेला में पहुंचे थे।