बंद हो जाता है बोर
हॉस्टल में रह रहे छात्रों ने बताया कि पीने के पानी के लिए बोर ही सहारा है उससे भी साफ पानी नहीं आता है। कई बार तो वह भी बंद हो जाता है। जिसके चलते पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। हॉस्टल में लगा आरओ कमरे में धूल खा रहा है। इसके अलावा भी कई सुविधाओं का अभाव बना हुआ है।
टूट गए खिड़की और दरवाजे
हॉस्टल के ज्यादातर कमरों के दरवाजे खिड़कियां टूट चुकी हैं। ज्यादातर कमरों में ताला लटक रहा है। जहां हॉस्टल का पूरा कबाड़ भरा पड़ा हुआ है। कई कमरों की दीवारों में सीलन है तो कई जगह बड़ी-बड़ी दरारे पड़े गई है। इसके अलावा छत भी टूट कर गिर रहा है। कई कमरों में लाईट फिटिंग न होने की वजह से छात्र उनमें रहना नहीं चाहते जिस वजह से वह खाली पड़े हैं। इसके अलावा हॉस्टल में साफ-सफाई का भी अभाव है। चारो तरफ झाड़-झंकाड़ उग आए हैं। जिनके बीच आधा सैकड़ो छात्र रह रहे हैं।
कैमरे से निगरानी
ऐसा भी नहीं है विवि प्रबंधन को छात्रावास की दुर्दशा की जानकारी नहीं है। छात्रावास में निगरानी के लिए प्रबंधन द्वारा बकायदे सीसीटीव्ही कैमरे लगाए गए हैं। जिस पर हर वक्त प्रबंधन की निगाह रहती है। इसके बाद भी इस हॉस्टल की बदहाली के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। पं शंभूनाथ शुक्ल विवि के कुल सचिव डॉ विनय सिंह ने कहा कि हॉस्टल के मेन्टीनेंस का मुद्दा पिछली कार्य समिति की बैठक में रखा गया था। जिसमें निर्णय लिया गया है कि एक-एक करके हॉस्टल का मेन्टीनेंस कराया जाएगा। जिसमें सबसे पहले कमरों के मरम्मतीकरण का कार्य कराया जाएगा। साथ ही पूरे परिसर की साफ-सफाई कराई जाएगी व अन्य व्यवस्थाएं भी जल्द ही सुधारी जाएंगी।