गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य का खामियाजा भुगत रहे किसान, गड़बड़ी पर अधिकारी डाल रहे पर्दा
शाहडोल•May 31, 2023 / 10:25 pm•
Ramashankar mishra
Video Story -मोहनी जलाशय से किसानों के खेतों तक नहीं पहुंचा पानी , क्षतिग्रस्त नहर सुधारने ग्राम पंचायत ने लिखा पत्र
शहडोल. किसानों के खेतों को सिंचित करने करोड़ों रुपए खर्च कर नदी व नालों में बड़े-बड़े बांध बनाए जा रहे हैं। इन बांधों से नहर निकालकर किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने के दावे किए जा रहे हैं। इन दावों की पोल नहरों की स्थिति और बंजर पड़े किसानों के खेत खोल रहे हैं। नहरों के निर्माण में ठेकेदार के साथ गठजोड़ कर लीपापोती कर शासकीय राशि का बंदरबाट करने वाले अधिकारी कर्मचारी कभी उस ओर मुडकर भी नहीं देखते। स्थिति यह है कि जिले के किसी भी बांध से निकलने वाली नहर से किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। बांध बन गए उससे नहर भी निकल गई और करोड़ों रुपए पानी के नाम पर खर्च भी हो गए। जिन किसानों के लिए इतनी भारी भरकर राशि खर्च की जा रही है उन्हे इसका एक अंश भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। कुछ ऐसी ही स्थिति जनपद पंचायत जयसिंहनगर के कौआसरई ग्राम पंचायत के किसानों की भी है। यहां मोहनी जलाशय से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने बनाई गई नहर आधा किलोमीटर से ज्यादा दब गई है। कहीं नहर बह गई तो कहीं क्रंकीट टूटकर नीचे दब गया। नहर के जगह-जगह क्षतिग्रस्त होने की वजह से बांध से छोड़े जाने वाले पानी का किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं सरपंच के पत्र के बाद अधिकारी यह दावा कर रहे हैं कि नहर के मेंटनेंस का कार्य करा दिया गया है और पानी भी छोड़ दिया है, जबकि स्थिति अलग है।
नहर निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी
मोहनी जलाशय से कौआसरई मढ़ा तक बनाई गई पक्की नहर का निर्माण गुणवत्ता के मापदण्डंों को ताक पर रखकर निर्माण कराया गया है। यही वजह है कि नहर जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है। कच्ची नहर निर्माण के बाद कं्रकीट का पतला लेप चढ़ाकर कोरम पूर्ति कर ली गई। ऐसे में अब जगह-जगह से कंक्रीट उखडऩे लगा है। ऐसे में नहर भी क्षतिग्रस्त हो रही है। कंक्रीट क्षतिग्रस्त होने की वजह से नहर कई जगह पूरी तरह से बह गई है। ग्रामीणों की माने तो नए सिरे से नहर के मरम्मतीकरण का कार्य कराना होगा।