scriptViral fever patients increased in hospitals, blood tests of 250 to 300 | अस्पतालों में बढ़े वायरल फीवर के मरीज, हर दिन 250 से 300 मरीजों का हो रहा ब्लड टेस्ट | Patrika News

अस्पतालों में बढ़े वायरल फीवर के मरीज, हर दिन 250 से 300 मरीजों का हो रहा ब्लड टेस्ट

locationशाहडोलPublished: Nov 09, 2023 12:51:57 pm

Submitted by:

Ramashankar mishra

मेडिकल वार्ड चल रहे खचाखच, प्राइवेट अस्पतालोंं में लग रही लंबी कतार

अस्पतालों में बढ़े वायरल फीवर के मरीज, हर दिन 250 से 300 मरीजों का हो रहा ब्लड टेस्ट
अस्पतालों में बढ़े वायरल फीवर के मरीज, हर दिन 250 से 300 मरीजों का हो रहा ब्लड टेस्ट

शहडोल. बदलते मौसम के कारण इन दिनों वायरल फीवर की शिकायत बढ़ गई है। बच्चों व बुजुर्गों में सर्दी, खांसी बुखार के साथ सांस लेने में समस्या आ रही है। जिला चिकित्सालय इन दिनों ओपीडी 500 से 1 हजार तक पहुंच रही है। इसमें सबसे अधिक मरीज वायरल से पीडि़त आ रहे है। चिकित्सक ब्लड जांच के साथ ही सांस लेने में समस्या होने पर एक्सरे करवाकर आवश्यक दवाइयां लिख रहे हैं। बेड रेस्ट की सलाह दे रहे हैं। जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि बच्चों व बुजुर्गों में वायरल होने पर तेज बुखार के साथ सर्दी खांसी की समस्या आ रही है, जिसे ठीक होने में अधिक समय लग रहा है। बीमारी से बचने चिकित्सक सावधानी बरते उचित सलाह दे रहे हैं। जिससे मरीज को जल्द आराम मिल सके। वहीं गंभीर मरीजों को अस्पतला में भर्ती किया जा रहा है। अस्पताल के मेडिकल वार्ड इन दिनों मरीजों से फुल चल रहे हैं। इसके अलावा प्राइवेट अस्पतलों व पैथोलॉजी में भी मरीजों की भीड़ देखी जा रही है।
ब्लड जांच में हुआ इजाफा
जिला चिकित्सालय में हर दिन ओपीडी में 500 से 1 हजार मरीज पहुंच रहे हैं। ठंड देकर तेज बुखार व सर्दी खांसी होने पर चिकित्सक ब्लड जांच की सलाह दे रहे हैं। बीते दो महीने में ब्लड जांच की संख्या दो गुना हो गई है। लैब टेक्नीशियनों की माने तो दो महीने पहले 100-150 मरीजों का खून जांच किया जाता है। वायरल फीवर के बढऩे से अब जांच 250-300 तक पहुंच गई है। इसमें सबसे अधिक सीवीसी व सीआरपी की जांच की जा रही है। इसके अलावा हर रोज 70-80 मरीजों के मलेरिया व टायफाइड की जांच की जाती है।
बच्चों को सांस लेने में आ रही समस्या
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील हथगेल ने बताया कि बदलते मौसम के कारण बच्चों में सर्दी जुकाम के साथ तेज बुखार की समस्या बढ़ गई है। कफ जमने के कारण सांस लेने में समस्या होती है। जिसके लिए एक्सरे कराकर दवाइयां लिखी जाती है। बच्चों को वायरल पीडि़त मरीज से दूरी बनाकर रखने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थ के सेवन न करने कहा जाता है। वायरल की चपेट में आने से बच्चों को ठीक होने पर 7-10 दिनों का समय लग रहा है। बच्चों की हालत गंभीर होने पर भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।

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