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आदिवासी बच्चों में पोषण और फ्लोराइड की कमी, खराब हो रहे दांत, आंखों में सूखापन

locationशाहडोलPublished: Jan 02, 2020 07:41:04 pm

Submitted by:

shubham singh

यूएस से पहुंचे सात डॉक्टर, शहडोल में कैंप, 350 लोगों को मिला इलाज

 Vitamin deficiency in children and increasing number viewing glasses

आदिवासी बच्चों में न्यूट्रिशियन और फ्लोराइड की कमी, खराब हो रहे दांत, आंखों में सूखापन

शहडोल. फ्लोराइड की कमी और अधिकता के अलावा न्यूट्रिशियन में कमी से आदिवासी बच्चों में दांत और आंखों की बीमारी हो रही है। यूएस से पहुंचे सात डॉक्टरों की टीम ने शहडोल के अलग- अलग जगहों में पहुंचकर जांच की। यहां 70 फीसदी से ज्यादा आदिवासी बच्चों के दांत खराब मिले। जबकि आंखों में भी सूखापन की बीमारी मिली। डॉक्टरों के अनुसार, न्यूट्रिशियन की कमी और फ्लोराइड की अधिकता व कमी से बच्चे आंख और दांतों की बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं। न्यूट्रिशियन की कमी से बच्चों की आंखों में विजन की भी दिक्कतें पाई गई। दरअसल आंखों और दांतों के लिए नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया। इसमें विदेश से आए सात डॉक्टरों की टीम ने 350 लोगों के आंखों और दांतों की जांच कर इलाज किया। इस दौरान यह बात सामने आई कि बच्चों की आंखों में समस्या बढऩे का कारण विटामीन की कमी, टीबी ज्यादा देर तक देखना और मोबाइल का अधिक उपयोग करना है। डॉक्टरों के अनुसार, दांतों में समस्या का कारण पानी और अच्छी तरीके से ब्रश नहीं करना है। संयोजक विजय दुबे एवं डॉ रोहित दुबे ने बताया कि शिविर में 130 लोगों की आंखों की जांच करने के बाद चश्मा दिया गया। इसके बाद सर्व ब्राह्मण समाज की मदद से प्रेरणा फांउडेशन के दिव्यांग बच्चों के आंखों और दांतों का इलाज कराया गया। इससे पहले बुधवार को विदेश से शहडोल पहुंचे सात डॉक्टरों की टीम ने दो स्कूलों में 300 बच्चों के आंखों और दांतों की जांच कर इलाज किया गया। इसमें 90 बच्चों की आंखों में ज्यादा समस्या मिली। यहां बच्चों को उन्हें चश्मा दिया गया।
बच्चों में ये मिली कमियां
– बच्चों में न्यूट्रिशियन की कमी।
– पानी में फ्लोराइड की अधिकता और कमी।
– खानपान में अनदेखी से बच्चों की जनरल ग्रोथ न होना।
– ब्रश का तरीका सही न होने से दांतों में बीमारियां।
– आंखों में सूखापन।

इस संबंध में न्यू मैक्सिको की चिकित्सक डॉ नीता शुक्ला ने कहा कि बच्चों में न्यूट्रिशन की कमी देखने को मिली है। पानी में भी फ्लोराइड की अधिकता और कमी से बच्चों में दांतों की बीमारी हो रही है। मुह के माध्यम से कई बीमारियां बच्चों के भीतर तक जा रही हैं। ब्रश करने का तरीका भी सही नहीं है। मुंह साफ न होने से अन्य बीमारियां भी बच्चों को अपनी चपेट में ले रही हैं। आंखों में भी विजन की दिक्कतें मिली हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह पूरा न्यूट्रिशन न मिलने के अलावा टीबी और मोबाइल भी है।

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