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मौसम के साइड इफैक्ट : 30 दिन में 16 हजार मरीज

locationशाहडोलPublished: Jul 02, 2018 01:09:12 pm

Submitted by:

shivmangal singh

मौसम में लगातार उतार चढ़ाव लोगों को बना रहा मरीज, खचाखच अस्पताल में भरे मरीज

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मौसम के साइड इफैक्ट : 30 दिन में 16 हजार मरीज

शहडोल. मौसम में लगातार उतार- चढ़ाव लोगों को मरीज बना रहा है। बारिश के बाद चटक धूप से लगातार मरीज बढ़ रहे हैं। जिला अस्पताल मरीजों से खचाखच भरा है। ब्लॉकों में संचालित सरकारी अस्पतालों के भी यहीं हालात हैं। डॉक्टरों की मानें तो मौसम में फेरबदल के चलते मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। जिला अस्पताल में सबसे ज्यादा मरीज ग्रामीण अंचलों के पहुंच रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि इस मौसम के उतार चढ़ाव के बीच बेहद सावधानी रखना जरूरी है। जिला अस्पताल के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 30 दिन में 16 हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचे हैं। यह आंकड़ा सिर्फ जिला अस्पताल का है।
ब्लॉकों की अस्पताल में भी हर दिन एक सैकड़ा से ज्यादा मरीज बीमार होकर आ रहे हैं। स्थिति यह है कि जिला अस्पताल में मरीजों के लिए बिस्तर भी कम पड़ रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन मजबूरन मरीजों को जमीन पर लेटाकर इलाज कर रहा है, कुछ को अन्य वार्डो में शिफ्ट कर रहा है।

हर दिन 500 मरीज सिर्फ जिला अस्पताल
जिला अस्पताल प्रबंधन की मानें तो सिर्फ जिला अस्पताल में हर दिन पांच सैकड़ा से ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इसमें हर दिन एक सैकड़ा मरीज भर्ती भी हो रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार खानपान में देखभाल की कमी और दूषित पानी के उपयोग के चलते गांवों में बीमारियां सामने आ रही हैं। हर दिन 50 से ज्यादा बच्चे भी आ रहे हैं। बच्चों में मलेरिया और पीलिया के लक्षण देखने को भी मिल रहे हैं।
मलेरिया का प्रकोप, हर दिन 20 मरीज
बारिश थमने के बाद अब मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। जिसके बाद मलेरिया ने भी धीरे- धीरे फैल पसार रहा है। जिला अस्पताल के डॉक्टरों की मानें तो हर दिन 15 से 20 मरीज जिला अस्पताल आ रहे हैं। इसके अलावा निजी अस्पताल, क्लीनिक और पैथालाजी में भी हर दिन आधा सैकड़ा से ज्यादा मरीजों को मलेरिया पाया जा रहा है। डॉक्टरों के अनुसार बारिश के बाद मलेरिया फैलता है। पानी का जमाव होने से मच्छर पनपते हैं और मलेरिया फैलने लगता है।
फैक्ट फाइल
उल्टी दस्त -50प्रतिशत
मलेरिया – 20 प्रतिशत
टाइफाइड – 20 प्रतिशत
स्किन – 10 प्रतिशत
मरीजों की जांच -16 हजार 246
अस्पताल में भर्ती -3 हजार 486

स्किन में इंफेक्शन का खतरा
मौसम में उतार चढ़ाव के बीच स्किन इंफेक्शन का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। पसीना ब्लॉक होने से इंफेक्शन हो जाता है। इसके अलावा गीले कपड़े काफी समय तक पहने रहने से इंफेक्शन का खतरा रहता है। हाईजिन मेंटेन करना जरूरी है। पसीना ज्यादा होने से फंगल इंफेक्शन हो सकता है। टाइट कपड़े नहीं पहनने चाहिए। कॉटन के पकड़े का उपयोग करें और टॉवल और चादर को हर दो से तीन दिन में जरूर धुलें।
डॉ. अवतार जयसिंघानी, स्किन स्पेशलिस्ट।

इन दिनों मलेरिया का काफी प्रकोप है। समय पर मलेरिया का इलाज न होने पर यह वृहद रूप ले लेता है। इस बीच इलाज की बेहद जरूरत होती है। लक्षण मिलने पर सरकारी अस्पताल में इलाज नि:शुल्क है। इसके अलावा अस्पताल में उल्टी दस्त के भी मरीज काफी आ रहे हैं। खानपान में देखरेख और दूषित पानी के उपयोग से बचना चाहिए। टाइफाइड को लेकर भी सावधानी की जरूरत है।
डॉ. धमेन्द्र द्विवेदी, मेडिसिन विभाग जिला अस्पताल शहडोल।
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